भृगु मंदिर से निकली परिक्रमा यात्रा का बलिया में हुआ भव्य स्वागत

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बलिया: संतों के सानिध्य में पुनः जीवंत हुई भृगु-दर्दर क्षेत्र की पंचकोसी परिक्रमा स्वामी रामबालक दास जी महाराज के शिष्य संतों एवं वैदिक प्रभात फाउण्डेशन स्वामी बद्री विशाल जी के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ भृगु मंदिर से निकली यात्रा को नगरवासियों ने नजरों में बसाया. नगर से लेकर गांव तक भृगुक्षेत्र के देव-देवियों के दर्शन -अर्चन -आरती को लेकर उत्साह रहा.

सप्तद्वीपों की प्रदक्षिणा, सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने वाली, सर्वत्र विजय प्रदान करने वाली पंचकोशी परिक्रमा यात्रा संत महात्माओं के सानिध्य में नगर भ्रमण करते हुए गर्गाश्रम सागरपाली के लिये सोमवार को प्रस्थान किया. भृगु-दर्दरक्षेत्र के कार्तिक महात्म्य, कल्पवास, कार्तिक पूर्णिमा स्नान, ददरी मेले की महत्वपूर्ण कड़ी पंचकोशी यात्रा के संबंध में बताते हैं पद्मपुराण दर्दरक्षेत्र महात्म्य खण्ड के अनुसार-

पंचकोश गतान्देवानृषिंश्रापि प्रदक्षिणा।
प्रदिशिणीकृत तेन सप्तद्वीपवती मही ।।

भृगुक्षेत्र की पंचकोशी परिक्रमा करने ऋषि-मुनि, देवी -देवता सभी आते हैं. ऐसी मान्यता है कि जिन्हें किसी ने शाप दिया है, उसका मोचन भी इस परिक्रमा को करने से हो जाता है.

गर्गाश्रमात्समारम्भं यावत्पराशराश्रमं।
तावत् क्षेत्रं विजयानीयत पंचकोशं महत फलं ।।

गर्गाश्रम सागरपाली से प्रारंभ होकर पराशर आश्रम परसिया तक जाने वाली इस परिक्रमा यात्रा का संचालन भृगुक्षेत्र के ऋषि-मुनियों के द्वारा अनादिकाल से की जाती रही है. पहले इस यात्रा में हजारों हजार लोग शामिल होते थे. अर्वाचीन समय में भृगुक्षेत्र के सिद्ध संतश्री खाकी बाबा ने दीर्घकाल तक परिक्रमा यात्रा का संचालन किया. वर्तमान में भी उनके ही वंशजों के द्वारा इस पुनीत परम्परा को जीवित रखा गया है. गर्गाश्रम सागरपाली में छोटी सरयू-तमसा तट पर पंचकोशी का मेला लगा. मंगलवार की प्रातः गर्गाश्रम से यात्रा विमलतीर्थ देवकुलावली ( देवकली, बहादुरपुर ) पहुंची. जहाँ यात्रा का तीसरा रात्रि विश्राम हुआ.

तीस अक्टूबर को देवकली से चलकर कुशेश्वर- क्षितेश्वर नाथ महादेव मंदिर छितौनी पहुंचेगी तथा 31अक्टूबर को छितौनी से चलकर पराशर आश्रम परसिया, जहां पांचवीं रात्रि का विश्राम होगा. पहली नवम्बर शुक्रवार को परसिया से चलकर भृगु मंदिर वापस आकर इस यात्रा का समापन होगा.

इस आध्यात्मिक, पौराणिक परिक्रमा यात्रा के संचालक उमेश चन्द्र चौबे तथा भृगु आश्रम में अशोक चौबे, शत्रुघ्न पाण्डेय, विजय शुक्ल, आशीष कुमार, उमेश जी अंकित चौबे, संजय चौबे, गर्गाश्रम सगरपाली में ज्ञानदेव सिंह, उदयवीर सिंह, गोलू, छोटू चौधरी और विमालतीर्थ देवकली में संजय यादव ग्रामप्रधान भोला राय, छोटेलाल पांडेय, कृष्ण पांडेय ने मुख्य भूमिका निभाई. भृगुक्षेत्र की पावन परिपाटी परिक्रमा यात्रा में अधिक नर- नारी सहभागी हुए.