बलिया. जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो कल्पलता पांडेय ने ध्वजारोहण किया. तत्पश्चात ‘राष्ट्र निर्माण में महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री का प्रदेय’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया.
कला संकायाध्यक्ष डाॅ फूलबदन सिंह ने कहा कि महापुरुषों की जयंती मनाना तभी सार्थक हो सकता है जब हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें. समाज विज्ञान के संकायाध्यक्ष डाॅ सुधाकर प्रसाद तिवारी ने कहा कि वर्तमान समय में गांधी जी की प्रासंगिकता बढ़ी है. सत्य और अहिंसा के उनके सिद्धांत को व्यवहार जगत में अपनाने की आवश्यकता है.
विश्वविद्यालय परिसर के शैक्षणिक निदेशक डाॅ गणेश कुमार पाठक ने कहा कि गांधी जी के विचार सर्वतोमुखी रहे हैं. नारी शिक्षा, बुनियादी शिक्षा, स्वच्छता आदि पर उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं. यही कारण है कि सरकारें उनके विचारों को अपना रही हैं. अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो कल्पलता पांडेय ने कहा कि गांधी जी ने बुनियादी शिक्षा, ट्रस्टीशिप, सर्वोदय आदि के जो सिद्धांत दिये, उसे अपने जीवन में अपनाया भी. सत्य और अहिंसा के उनके दर्शन को परवर्ती समय में पूरे विश्व ने मान्यता दी. शास्त्री जी ने भी आदर्श को व्यवहार जगत में अपनाकर दिखाया. उच्च पदों पर रहते हुए भी वे और उनका परिवार साधारण जीवन जीते रहे. शास्त्री जी का कद भले ही छोटा था किन्तु वे दृढ़प्रतिज्ञ व्यक्ति थे. पाकिस्तान के साथ युद्ध और अमेरिका को खाद्यान्न न देने पर माकूल जवाब देना उन्हीं के वश की बात थी. राष्ट्रनिर्माण में महात्मा गाँधीजी एवं लालबहादुर शास्त्रीजी का योगदान अमिट है और सदैव उपादेय रहेगा. कार्यक्रम का संचालन डाॅ प्रमोद शंकर पांडेय तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव संत लाल पाल ने किया. इस अवसर पर परिसर के प्राध्यापक डाॅ मनीषा सिंह, डाॅ अपराजिता उपाध्याय एवं कर्मचारी अतुल, किशन, अविनाश, सुरेंद्र, चंद्रमा, राजेश आदि मौजूद रहे.