बलिया के विक्रमादित्य अंतिम सांस तक बने रहे दबे-कुचलों की आवाज

किसान के पुत्र ने सामंती ताकतों के खिलाफ आवाज उठाकर अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की. बेलहरी ब्लॉक प्रमुख के रूप में लगातार तीन बार निर्वाचित हुए.

बलिया के विक्रमादित्य अंतिम सांस तक बने रहे दबे-कुचलों की आवाज

किसान के पुत्र ने सामंती ताकतों के खिलाफ आवाज उठाकर अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की. बेलहरी ब्लॉक प्रमुख के रूप में लगातार तीन बार निर्वाचित हुए.