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कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने का श्रेय लौह पुरुष को ही जाता है. वह सिर्फ कल्पना करने वाले व्यक्ति नहीं, बल्कि कल्पना को जमीन पर उतारने वाले कर्मयोगी थे. हिमालय जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व क्षमता के कारण ही देश ने उन्हें सरदार माना. वह हमेशा कहते थे कि आम प्रयास से हम देश को एक नई दिशा दी जा सकती है जबकि एकता की कमी हमें नई आपदाओं में डाल देगी.
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ और पेटेंट डिजाइन एंड ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय के सहयोग से एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन शुक्रवार को आर्यभट्ट सभागार में किया गया. यह कार्यशाला आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत की जा रही है. इसमें नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एवरनेस मिशन(एनआईपीएएम) की ओर से बौद्धिक संपदा अधिकार के संबंध में जागरूक किया गया.
4 फ़रवरी 2014 से विश्वविद्यालय से सटे देवकली गांव में बच्चों के लिए निःशुल्क प्रेरणा कोचिंग निरंतर चल रही है. इस कोचिंग के माध्यम से अब तक 1435 विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके है. वर्तमान समय में 1 से 12 तक की कक्षाओं के 135 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे है. विश्वविद्यालय परिसर के विद्यार्थियों का एक समूह इन बच्चों को पढ़ाता है.
डा. रामनरेश का शोध पेपर उत्कृष्ट जर्नल में प्रकाशित, इंजीनियरिंग संकाय में शिक्षकों ने किया सम्मानित
ॉ. यादव का रिसर्च पेपर अत्यंत ही उत्कृष्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है जिसका इंपैक्ट फैक्टर 20.2 है. टेलर एंड फ्रैंसिस कैटालसिस रिव्यू जैसे बड़े लोकप्रिय जर्नल में पेपर प्रकाशित होना बहुत बड़ी उपलब्धि है. साथ ही यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है. टेक्नीकल सेल के प्रभारी और केमिस्ट्री विभाग के डॉ अमरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार के रिसर्च एवं डेवलपमेंट विभाग द्वारा प्रोजेक्ट प्राप्त होने पर सम्मानित किया गया.