शहीद शशांक सिंह के गांव में 15 लाख के विकास कार्य करवाएंगे सांसद भरत सिंह

बलिया सांसद भरत सिंह शनिवार को कासिमाबाद क्षेत्र के नसीरुद्दीनपुर गांव निवासी व शहीद सैनिक शशांक सिंह के घर पहुंचे. उन्होंने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि वह खुद को अकेला न समझे. उनके साथ पूरा देश है.

बेरुआरबारी में कैंडिल मार्च निकाल शहीदों को श्रद्धांजलि दी

कश्मीर में सैनिकों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए बृहस्पतिवार की देर शाम स्थानीय लोगो ने कैंडल मार्च निकाला. कैंडल मार्च गोपाल नगर से शुरू हो कर विभिन्न गावों का भ्रमण करते हुए ब्लाक मुख्यालय तक पहुंचा.

राजकीय सम्मान के साथ शहीद शशांक सिंह का अंतिम संस्कार

शहीद शशांक सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार को श्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. यहां शहीद शशांक सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ था. शहीद शशांक की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. श्मशान घाट पर सुबह से ही लोगों का तांता लगा हुआ था.

शहीदों के परिजनों को प्रदेश सरकार ने दिए 25-25 लाख

कश्मीर के माछिल सेक्टर में तैनान वीर शशांक सिंह एवं मनोज कुमार कुशवाहा ने मातृभूमि के ऋण को पूरा करते हुए इस माटी की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया है. हमें गर्व है कि हम उस गाजीपुर की धरती पर पैदा हुए हैं, जहां की धरती पर एक से एक वीर पैदा होते रहे हैं.

गाजीपुर में श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों का तांता

ग़ाज़ीपुर के बलिदानी धरती पर दो और वीर जवानों के नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. कश्मीर के माछिल सेक्टर में एलओसी पर तैनात मंगलवार को ग़ाज़ीपुर के दो जवान पाकिस्तानी फ़ौजियों के हमले में शहीद हो गए. शहीदों की ख़बर सुनते ही दोनों वीरों के परिवार पर मानों मातम का पहाड़ टूट पड़ा हो.

हमरी लाल के कहां छोड़ देहल ए भइया…..

बिरनो थाना क्षेत्र के बद्धोपुर गांव निवासी जांबाज पिता हरिलाल कुशवाहा के शहीद मनोज कुमार कुशवाहा के घर बस चारों तरफ चित्कार ही सुनाई पड़ रहा है. सोमवार की रात आठ बजे मनोज की शहादत की खबर सुनकर पत्नी मंजू देवी और मां शीला देवी का रो रो कर बुरा हाल है.

गाजीपुर के जांबाज सपूतों की आखिरी झलक का बेसब्री से है इंतजार

कश्मीर के माछिल सेक्टर में एलओसी पर मंगलवार को गश्त करते वक्त पाकिस्तानी फौज के कायराना हमले में शहीद जवानों का पार्थिव शरीर का परिवारीजनों सहित गाजीपुर के लोगों को बेसब्री से इंतजार है. लोग अपने इन जांबाज सपूतों का अंतिम दर्शन करना चाहते हैं.