अब तीर्थराज हो गया बलिया

भृगु-दर्दर क्षेत्र में कार्तिक मास का कल्पवास शरद पूर्णिमा के दिन से प्रारंभ हो जाता है. कार्तिक कृष्ण एकम से संतों के खालसे गंगा तट पर सजने लगते हैं.