बलिया में इन स्थानों पर आज भी झूठ बोलने से डरते हैं लोग…. आखिर क्यों

बचपन में हम सबने सुना होगा कि झूठ बोलना पाप है, नदी किनारे सांप है. इसके बावजूद हम झूठ से परहेज़ नहीं करते क्योंकि कहीं न कहीं यह हम इंसानों के डीएनए का हिस्सा है.

आज भी यहां झूठ बोलने की हिम्मत कोई नहीं करता

स्वामी जी के समाधि पर जाकर आज भी कोई झूठ बोलने कि हिमाकत नहीं करता हैं. बड़े से बड़े मामले स्वामी जी के समाधि पर पहुंचने से पहले ही हल हो जाते हैं. लाखों के मामले स्वामी जी का नाम लेते ही हल हो जाते हैं. यहां के थाने व कचहरी में जो मामले हल नहीं होते स्वामी जी की समाधि पर चुटकी में हल हो जाते है.