असमः बेटे व बहू को डी वोटर करार जेल में ठूंसा, बलिया की छुटकी देवी की सदमे से मौत

यदि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो शायद तिनसुकिया जिले के दिनेश प्रजापति और उनकी पत्नी तारा देवी को दिवंगत मां के श्राद्ध करने की भी अनुमति नहीं मिली होती.