लोक कलाकार एवं संगीतकार विद्यार्थी ने कहा कि आज किसी भी समारोह, उत्सव और त्योहार के अवसर पर डीजे की अश्लील धुनों पर डांस करना फैशन बन गया है. युवाओं को इससे दूर रहने की आवश्यकता है. तेज आवाज वाले डीजे की ध्वनि हृदय, अस्थमा एवं कमजोर व्यक्तियों के लिए घातक साबित हो सकता है. होली के अवसर पर कुछ लोग शराब एवं अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कर धमा-चौकड़ी करते हैं. ऐसी घटनाएं होली त्योहार की पवित्र परंपरा को नष्ट करती है.
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लीलकर गांव की दलित बस्ती में बारात में विवाद के बाद ग्रामीणों की पिटाई से डीजे मालिक सोनू ने बलिया जिला अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. मालूम हो कि स्थानीय लोगों ने गांव के बाहर घेर डीजे वालों हमला बोला था. बाद में भागते समय डीजे वाले की पिकअप वैन पलट गई थी. इस हादसे में दो नर्तकियों समेत लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे. डीजे कर्मचारियों की तहरीर पर पुलिस ने गांव के चार लोगों को हिरासत में लिया.