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जिलाधिकारी कार्यालय पर तैनात होमगार्ड की सोमवार को पेट में दर्द होने के बाद मौत हो गई. रविवार की रात पेट में दर्द हुआ. उसके सहयोगियों ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया. इलाज के बाद उसका पेट दर्द ठीक हो गया. सोमवार को सुबह वह अपने गांव गायघाट चला गया. गांव पर उसके पेट में फिर दर्द की शिकायत हुई और उसकी हालत बिगड़ने लगी.
सिकंदरपुर बस स्टेशन से थाने की तरफ जाने वाला नहर मार्ग उपेक्षा और मरम्मत के अभाव में पूरी तरह जर्जर हो गया है. उस पर आवागमन में कठिनाई झेल रहे नागरिकों में विभागीय उपेक्षा के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. इसी क्रम में बलिया के हल्दी थाना क्षेत्र बेलहरी ब्लाक के गायघाट कुवां नंबर 1 से लेकर लखपुर मार्ग तक पूरी सड़क दयनीय हालत में है.
जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को तूफानी दौरा किया. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कटान के संवेदनशील स्थानों पर तत्काल सुरक्षा के मुकम्मल उपाय करने का निर्देश सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अभियंताओं को दिया.
बीते तीन दिनों के झमाझम बारिश के बाद किसानों की तो बल्ले बल्ले हो गई हैं, मगर कई जगह बाढ़ जैसी हालत हो गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को छू रहा है. हालांकि सोमवार की शाम सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट में 57.400 मीटर, घाघरा का जलस्तर डीएसपी हेड में 63.375 मीटर, घाघरा का जलस्तर चांदपुर में 57.86 मीटर, मांझी में 54.40 मीटर एवं टोंस नदी का जलस्तर पीपरा घाट पर 58.60 मीटर है. अर्थात बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट बता रही है कि जनपद में नदिया बढाव पर है, किन्तु खतरा बिन्दु से नीचे है.
बलिया में गंगा तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार बुधवार की शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 56.80 मीटर दर्ज की गई. खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. वैसे गंगा के जलस्तर में वाराणसी में जारी बढ़ोतरी पर मंगलवार को जहां लगाम लगी है, वहीं दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट समेत अधिसंख्य घाटों की सीढ़ियां और मंदिर अब भी पानी में हैं. संगम नगरी इलाहाबाद में भी गंगा के जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.