वह ऊष्मा है, ऊर्जा है, प्रकृति है, पृथ्वी है, क्योंकि वही तो आधी दुनिया, पूरी स्त्री है

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को ‘अपरिमिता‘ साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान बलिया के तत्वावधान में एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया.

हिंदी को रूखी सूखी और अंग्रेजी को खीर

राष्ट्रभाषा दिवस की पूर्व संध्या पर नगर की साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था अपरिमिता के बैनर तले सतनीसराय कार्यालय पर गोष्ठी आयोजित की गई. कार्यक्रम में साहित्य एवं संगीत से जुड़े अनेक लब्ध प्रतिष्ठित एवं नवोदित साहित्यकारों, वक्ताओं, गायकों ने अपने अपने ढंग से राष्ट्रभाषा हिंदी को लेकर अपने उद्गार व्यक्त किए.