ऐतिहासिक ददरी मेला के भारतेंदु कला मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश विदेश में ख्यातिलब्ध कवियों का काव्य पाठ होने जा रहा है. आगामी 30 नवम्बर दिन बुधवार को रात्रि 8 बजे से भारतेंदु कला मंच एक बार फिर गंगा जमुनी तहजीब की काव्य सुरसरि का साक्षी बनेगा, जिसमे देश के दर्जन भर से अधिक मशहूर कवि अपने काव्यपाठ से उपस्थित श्रोताओं को आनंदित करने का काम करेंगे.
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मनुष्य एक विचारवान प्राणी है. यह एक ओर जहां अपनी सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सचेष्ट और प्रयत्न शील रहता है, वहीं दूसरी ओर अपनी मुक्ति के लिए भी आतुर और चिंतित रहता है. ऋषि-महर्षियों चिंतकों मनीषियों और धर्म धुरंधरों ने मानव की इसी चित्त-वृत्ति को देखते हुए लोकमंगल की भावना से समय समय और स्थान स्थान पर मुक्ति के साधन और स्थल को भी रेखांकित किया है.