संघर्षों के प्रतीक थे छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र

बलिया। छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर जिला सहकारी संघ के सभागार में याद किया गया. समारोह की अध्यक्षता समाजवादी विचारक विजेंद्र कुमार मिश्र ने किया.

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कभी भी चुनाव जीतने के लिए नहीं लड़े

श्री मिश्र ने उनके साथ बिताए अपने कई संस्मरणों को सुनाते हुए कहा कि छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र कभी भी चुनाव जीतने के लिए नहीं लड़े. उनका अपना कोई चुनाव क्षेत्र नहीं था. डॉ. लोहिया के समाजवादी विचारों को धरातल पर अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से किसी भी जुर्म के विरुद्ध  जीवन भर संघर्ष किए. संघर्ष करते हुए इलाहाबाद में उन्होंने अपने जीवन की यह लीला समाप्त की. उनका संपूर्ण जीवन त्याग एवं संघर्षों से भरा था. कई बार फाका कसी के दौर से भी उन्हें गुजरना पड़ा. इस मौके पर पारसनाथ ठाकुर, राजू पांडेय, बबलू राय, रामनाथ सिंह, राजेंद्र ठाकुर, बच्चा सिंह, निर्मल सिंह, आनंद राय आदि ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. संचालन सहकारी संघ के अध्यक्ष परमात्मा नंद पांडेय ने किया.

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