आज से हिंदू नव वर्ष और चैत्र नवरात्र की शुरूआत हो रही है, इस मौके पर बांसडीह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से ” भारतीय नववर्ष विक्रमी संवत् 2078 अभिनन्दन ” कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सह विभाग कार्यवाह संजय शुक्ल ने कहा कि प्रकृति पूजक भारत की परंपराएं और उत्सव पूर्णतः वैज्ञानिक हैं. इस माह का नाम चैत्र है तो पूर्णिमा तिथि को चित्रा नक्षत्र होगा, यह निश्चित है. हम अपनी पहचान और परंपराओं को जीवंत रखने के कारण ही आज भी अमिट हैं और इसी के अभाव में यूनान, मिश्र , रोम न जाने कहां खो गये.
उन्होंने बताया कि त्रेता, द्वापर और सतयुग 28 बार व्यतीत हो चुके हैं तथा कलयुग 27वें बार गतिमान है. यह परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इस परिवर्तन को स्वीकार करता है. नववर्ष के परिप्रेक्ष्य में कहा कि इस समय वनस्पतियों में प्रसन्नता रूपी हरियाली और हमारे घरों में नवान्न आने लगते हैं. इस विशेष तिथि से वासंतिक नवरात्र प्रारंभ होता है, इसीलिए उल्लास मय इस तिथि को भारतीय नववर्ष के रूप में मनाया जाता है.
संजय शुक्ल शुक्ल ने कहा कि इसी तिथि को ही सृष्टि का प्रारंभ माना गया है. भगवान झूलेलाल जयंती, विक्रमी संवत् का आरम्भ इसी दिन हुआ था. संघ संस्थापक डा० केशव बलिराम हेडगेवार जयंती भी इसी दिन है.
वर्तमान परिदृश्य को लेकर उन्होंने कहा कि हमें संगठित होकर समाज और सांस्कृतिक विरासत को संभालने की आवश्यकता है. प्राचीन परंपराओं का पोषण और नवीन का चिन्तन होता रहे,यह हम सबकी जिम्मेदारी है.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से खंड संघ चालक अजय पाण्डेय, सह प्रांत कार्यवाह विनय, सह जिला शारीरिक प्रमुख सौरभ, प्रांत गोसेवा प्रमुख लल्लन, मुख्य शिक्षक आनंद, वार्ड 10 जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी देवेन्द्र यादव, वार्ड 11 जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी शशिकांत, रामराज तिवारी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे.
(बांसडीह से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट)