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ऐतिहासिक ददरी मेला के भारतेंदु कला मंच पर बलिया-पौराणिक काल से 1947 तक, सह ददरी मेला विशेषांक का विमोचन जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने विशिष्ट अतिथि सपा जिलाध्यक्ष संग्राम सिंह यादव, अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंघल, नगर मजिस्ट्रेट आरजी सिंह, अध्यक्ष प्रतिनिधि लक्ष्मण गुप्ता, शायर परवेज रोशन, अधिशासी अधिकारी संतोष कुमार मिश्र, पुस्तक के संपादक मधुसूदन सिंह की उपस्थिति में किया.
भारतेन्दु सत्संग मंच मेला ददरी में चतुर्थ दिवसीय सत्संग के तीसरे दिन पं. विजय नारायण शरण जी ने कहा कि घोर कलियुग में माया रूपी चक्की में पीसने से बचने के लिए एक मात्र कील रूपी हरि के शरण में जाना पड़ेगा, जैसे की कबीर बाबा का दोहा चलती चक्की देखकर दिया कबिरा रोय, दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोय, वहीं पर कमाल जी का दोहा मिलता है चलती चक्की देखकर हंसा कमाल उठाय.
बलिया पशु मेला से एक सप्ताह बाद से शुरू होने वाले सन्त सुदिष्ट बाबा के नाम पर इब्राहिमाबाद मे तीन सप्ताह तक चलने वाले पशु मेला में सन्नाटा पसरा है. यह मेला जिला पंचायत द्वारा लगाया जाता है और जिला पंचायत को इस मेले से अच्छे राजस्व की प्राप्ति होती रही है, लेकिन बड़े नोट बन्दी का असर इस मेला पर पड़ा है. न तो बाहर से अपने पशुओं की खेप लेकर व्यापारी आए और न ही बाहरी खरीदार.
पूर्वांचल के प्रसिद्ध धनुष यज्ञ मेला की तैयारियां शुरू हो गई हैं. यह मेला 4 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक चलेगा. परम्परा के अनुसार शुक्रवार को ग्राम प्रधान कोटवा / मेला प्रबन्धक जनक दुलारी देवी अपने परिजनों, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत सदस्यों व गणमान्य लोगों के साथ सुदिष्ट बाबा आश्रम परिसर में जाकर मेला के लिए वैदिक मन्त्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया.
अपने देश में तीन स्थानों पर स्नान और मेला एक ही समय कार्तिक पूर्णिमा के दिन दिन शुरू होता है. वह है बिहार का सोनपुर, बलिया का ददरी मेला और छपरा (बिहार) का ही कोनिया मेला. आप सोनपुर और ददरी मेला के विषय में तो बहुत कुछ जानते होंगे, किंतु छपरा जिला मुख्यालय से महज दस किमी की दूरी पर स्थित पैराणिक गोदना, वर्तमान में रिविलगंज, के विषय में कम जानते होंगे.
मनुष्य एक विचारवान प्राणी है. यह एक ओर जहां अपनी सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सचेष्ट और प्रयत्न शील रहता है, वहीं दूसरी ओर अपनी मुक्ति के लिए भी आतुर और चिंतित रहता है. ऋषि-महर्षियों चिंतकों मनीषियों और धर्म धुरंधरों ने मानव की इसी चित्त-वृत्ति को देखते हुए लोकमंगल की भावना से समय समय और स्थान स्थान पर मुक्ति के साधन और स्थल को भी रेखांकित किया है.
कार्तिक पूर्णिमा स्नान व ददरी मेले की तैयारियों में जिला प्रशासन जुट गया है. डीएम गोविंद राजू एनएस व पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने रविवार को महावीर घाट गंगा स्नान, पशु मेला व मीना बाजार स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने नगर पालिका व लोनिवि के अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने को निर्देशित किया ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सके