बलिया। दो वर्ष पूर्व जमीन से संबंधित पुरानी रंजिश को लेकर हुए सेवानिवृत दरोगा महंत राय निवासी नरहीं की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश/ फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या तीन के न्यायाधीश मनोरमा की अदालत ने तीन अभियुक्तों पर दोष सिद्ध करार देते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई. साथ ही 10-10 हजार रुपये की जुर्माने से दंडित किया है. जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर अतिरिक्त एक वर्ष की सश्रम कैद भुगतनी होगी.
नरहीं थाना क्षेत्र अंतर्गत उसी गांव के अभियुक्त गण रामखेलावन राय, भरत राय, आशुतोष राय उर्फ सोनू को अदालत ने भादवि की धारा के तहत अभियोजन की ओर से निर्भय नारायण सिंह व दिनेश तिवारी की दलीलें सुनने के बाद उक्त सजा से दंडित की है. अभियोजन के अनुसार यह घटना नरहीं ग्रामसभा में नौ जून 2015 को जमीनी विवाद में हुआ था. मृतक दरोगा महंत राय के पुत्र गजेंद्र राय वादी मुकदमा ने थाने में तहरीर दर्ज कराई थी कि पुरानी रंजिश को लेकर उसके पट्टीदार अभियुक्त गण लाठी डंडे से दरवाजे पर चढ़कर एकाएक प्रहार कर दिए. इसमें वादी के पिता को सिर में गंभीर चोटें आईं तथा इलाज के दौरान सदर अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी.