बैरिया (बलिया)। जिला प्रशासन की मनमानी व विद्युत विभाग की उदासीनता के चलते धन स्वीकृत होने के एक वर्ष बाद भी दिघार में बनने वाले 33/11 केबीए के विद्युत उपकेंद्र का निर्माण कार्य नहीं शुरू हो सका है. जिसको लेकर क्षेत्रीय लोगों में भारी आक्रोश है.
बता दें कि कांग्रेस नेता विनोद सिंह के नेतृत्व में क्षेत्र के मझौवा, रामपुर, दिघार, पचरुखिया, बलिहार, धर्मपुरा सहित दर्जन भर गांव के लोग सन 2009 से 2015 तक लगातार धरना प्रदर्शन करते आये थे. 27 मार्च 2015 को दिघार में 33/11केबीए का विद्युत उपकेंद्र के निर्माण की स्वीकृत उत्तर प्रदेश सरकार ने दे दी. उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर तत्कालीन जिलाधिकारी सत्यनारायण श्रीवास्तव ने 26 जुलाई 2015 को ग्राम पंचायत दिघार के प्रस्ताव पर लगभग डेढ़ एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया. 6 मई 2016 को जब बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी अधिगृहित जमीन स्थलीय निरिक्षण करने पहुंचे. उक्त गांव के कुछ दबंगों को बिजली विभाग के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने पर यह जानकारी हो गई कि यहां विद्युत उपकेंद्र बनने जा रहा है तब बिजली विभाग के अधिकारियों के वापस लौटते ही उक्त जमींन पर अवैध अतिक्रमण कर लिया गया.
इस अवैध अतिक्रमण को हटवाने के लिए न तो बिजली विभाग द्वारा कोई पहल किया गया नहीं जिला प्रशासन द्वारा. अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उक्त विद्युत उपकेंद्र को बनवाने के लिए प्रभा इलेक्ट्रिकल लखनऊ को कार्यदायी संस्था नियुक्त कर अक्टूबर 2016 में ही दो करोड़ 66 लाख रुपये दे दिए गए थे, बावजूद इसके कार्यदायी संस्था के लोग प्रस्तावित निर्माण स्थल को देखने तक नहीं आये. उधर इस बाबत विद्युत वितरण खंड तृतीय के अधिशासी अभियंता राजीव भारती के मोबाइल नंबर 8004931737 पर पैसा अवमुक्त होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं होने, के बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में जमींन की पैमाइश करा कर अवैध अतिक्रमण हटवा कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा.