
प्रयागराज से आलोक श्रीवास्तव
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और राजीव मिश्र की खंडपीठ ने 2018 की 41520 सिपाही भर्ती में रिक्त रह गए 7 हजार से अधिक पदों को सफल अभ्यर्थियों से भरने की मांग और इन पदों को कैरी फारवर्ड करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है.
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याचिका के अनुसार पुलिस भर्ती बोर्ड ने जनवरी 2018 में 41520 पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले थे. इनमें 23520 पद कान्स्टेबल व 18000 पद पीएसी जवानों के थे. इसकी लिखित परीक्षा में याची सफल घोषित हुए.
दस्तावेज सत्यापन, शारीरिक मानक परीक्षण व शारीरिक दक्षता परीक्षा (दौड़) हुई. उसमें भी याची सफल हुए. उसके बाद मेडिकल परीक्षण होने से पहले ही अंतिम चयन सूची घोषित कर दी गई और 23520 सिपाही अभ्यर्थियों का मेडिकल कराया गया.
उनमें से 20349 अभ्यर्थी को ही प्रशिक्षण पर भेजा गया, जिससे सिपाही कोटे में ही कई पद रिक्त रह गए. इसी प्रकार 18000 पीएसी वाले अभ्यर्थियों का भी मेडिकल कराया गया, जिसमें कई अभ्यर्थी अनफिट व अनुपस्थित हुए. इस प्रकार कुल 7000 से अधिक पद रिक्त रह गए.
पद रिक्त रहने के बावजूद पुलिस भर्ती बोर्ड पात्र अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण कराकर उन्हें ट्रेनिंग पर नहीं भेज रहा है. इस कारण अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की है. अजीत कुमार, रूपेश यादव सहित 114 अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी. वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा, अधिवक्ता तरुण अग्रवाल व प्रशांत मिश्र को सुनने के बाद न्यायालय ने यह आदेश दिया.