दादी प्रकाशमणि बाबा की अति दुलारी, सच्चाई और पवित्रता की प्रतिमूर्ति और कुमारों की कुमारका थीं. दादी प्रकाशमणि ने पूरे विश्व को ज्ञान से प्रकाशित कियादादी शुरू से ही यज्ञ के प्रशासन में सदैव आगे रहीं. मम्मा के साथ – साथ दादी को भी सब मुन्नी मम्मा के नाम से ही पुकारते थे. आज ही के दिन दादी ने अपना भौतिक देह का त्याग किया था. उक्त बातें ब्रम्हा कुमारी उमा बहन ने दादी प्रकाशमणि की स्मृति दिवस पर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा.
ब्रम्हा कुमारी उमा बहन ने कहा कि दादी प्रकाशमणि शुरू में पटना, मुम्बई तथा अन्य कई स्थानों पर अपनी सेवाएं दी. बाबा के अव्यक्त होने के बाद देश- विदेश में अपनी अथक सेवाएं देते हुए, सभी ब्रह्मा वत्सों को एकता के सूत्र में पिरोकर, हर एक की विशेषता को कार्य मे लगाते हुए अनेक यादगार कायम किये. आप सदा सबके दिलों में अमर हैं.
स्मृति दिवस का आयोजन पूरी तरह से कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सेठ कॉलोनी, हरपुर में प्रजा पिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दादी के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ. तत्पश्चात सभी ब्रह्मा कुमारियां बहन सुमन, पूजा, वंदना, प्रिया आदि ने दादी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की.
इस मौके पर भाई तारकेश्वर सिंह, भाई संतोष कुमार श्रीवास्तव, भाई रमाशंकर सिंह, भाई राजेन्द्र प्रसाद आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन बीके सुमन ने किया.