इस देश में किसान होना सबसे बड़ा गुनाह है. तस्वीरें देख कर कलेजा फट जा रहा है, क्योंकि मैं भी एक किसान का बेटा हूँ और मेरी परवरिश उसी मिट्टी में हुई है, जिसे शहरों के लोग गंदगी कहते है. साहब! 2014 के बाद से सब कुछ बदला, पर जो नहीं बदला वो है कोरे वादे, किसानों का दर्द और नौजवानों की बेरोजगारी.