
बैरिया,बलिया. बैरिया थाना अंतर्गत दुबेछपरा एनएच 31 के किनारे झोपड़ियां लगाकर आश्रय लिए कटान पीड़ितों की रिहायशी झोपड़ियों में शनिवार की देर रात 11:30 बजे के लगभग अज्ञात कारणों से आग लग गई.
उस समय बंधे पर आश्रय लिए कटान पीड़ित अपनी-अपनी झोपड़ियों में सो रहे थे. एनएच-31 से गुजर रहे 2 ट्रकों के चालकों ने शोर मचा कर झोपड़ियों में सो रहे लोगों को जगाया और पास के गोपालपुर गांव के लोगों के घरों का दरवाजा पीट-पीटकर जगाया. तब तक आग की लपटें एक झोपड़ी से दूसरे झोपड़ी को अपने आगोश में लेती रही.
एक युवक ओजस तिवारी ने बैरिया थाना, फायर स्टेशन पर मोबाइल से सूचना देने के साथ ही जेई विद्युत विभाग को फोन कर बिजली कटवाया. आसपास पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने से ग्रामीण लाचार थे. मौके पर बैरिया पुलिस व हेड कांस्टेबल रामविलास राम के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड दस्ता पहुंच कर आग बुझाने में लग गया.
ग्रामीणों के सहयोग से फायर दस्ता आग पर काबू पाते हुए उसे आगे बढ़ने से रोक लिया. तब तक किशुन राम, राजेश राम, टुनटुन चौधरी, जयंत चौधरी, दीनानाथ, लालजी, नथुनी, बबलू गोंड सहित एक दर्जन लोगों की झोपड़ियां व उसमें रखें कपड़ा, खाद्य सामग्री, चारपाई, चौकी, कुछ नकदी आदि सामान जलकर खाक हो गया.
फायर ब्रिगेड का पानी खत्म हो जाने तथा आसपास पानी की व्यवस्था ना होने के चलते फायर ब्रिगेड की गाड़ी वापस इब्राहिमाबाद फायर स्टेशन पर लौटकर टैंक में पानी भरकर दुबारा मौके पर पहुंची. रात लगभग 2:30 बजे तक अथक प्रयास के बाद आग पूरी तरह से बुझा दी गई.
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बताते चलें कि 16 सितंबर 2019 को गंगा में आई बाढ़ के दबाव में दुबेछपरा बंधा टूट गया था. जिसमें सैकड़ों लोग बेघर हो गए. बाढ़ के पानी के कटान से वहां कुंड जैसा बन गया है. ऐसे में अधिकांश गरीब कटान पीड़ित एनएच 31 के किनारे बंधे पर ही झोपड़िया लगाकर आश्रय लिए हुए हैं. पिछले साल भी बंधे पर इसी तरह दिन में ही आग लग जाने से लगभग डेढ़ दर्जन लोगों की झोपड़ियां सामान सहित जली थी. आज रविवार को सुबह राजस्वकर्मी मौके पर पहुंचकर क्षति का आकलन करने में जुटे हैं.
(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)