

- सरदार पटेल के योगदान का अनुकरण करने की जरूरत :डॉ. जनार्दन राय
बलिया : वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जनार्दन राय की अध्यक्षता में गुरुवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में जिला सूचना कार्यालय के सभागार में धूमधाम से मनाया गया. सरदार पटेल की जयंती पर शपथ दिलायी गयी.
राय ने कहा किये सरदार पटेल की जयंती मनाने के साथ-साथ उनके योगदान का अनुकरण करने की जरूरत है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है, जो 40 वर्ष बाद राष्ट्ररत्न की उपाधि मिली. नेहरू की जगह पटेल ही देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो अच्छा होता क्योंकि वे दबे कुचले की आवाज थे. उन्होंने एक छोटी सी कविता “हमत लुगरी में पगरी के पानी राखीला” प्रस्तुत की.
फतेहचंद बेचैन ने पटेल जयंती पर प्रकाश डालते हुए एक कविता प्रस्तुत किया-‘भाईचारा प्यार मोहब्बत मेल जोल की बात हो सुख समृद्धि सबके घर आए सौगातो की बरसात हो, जीना भी क्या जीना है अरे काम न आवे औरों के वतन के खातिर लहू बहा दे चाहे दिन हो या रात हो.’

वहीं, सेवानिवृत्त सेवायोजन अधिकारी एके पांडेय ने कहा कि सरदार पटेल का अखंड भारत के निर्माण एवं राष्ट्रीय एकीकरण के लिए विशेष योगदान है. अमावस यादव ने भी सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला. रमेश प्रसाद लोकगीत पार्टी द्वारा लोकगीत के जरिये सरदार पटेल की जयंती और स्व. इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रकाश डाला गया.
इस अवसर पर प्रदीप शुक्ला, रणविजय सिंह आदि भी मौजूद थे.