बलिया: सप्तद्वीपों की प्रदक्षिणा, सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने वाली, सर्वत्र विजय देने वाली भृगु -दर्दर क्षेत्र की पंचकोशी परिक्रमा दीपावली 27 अक्टूबर को महर्षि भृगु मंदिर में पहुंचेगी. 28 अक्टूबर की प्रातः 6:30 बजे सिद्धसंत स्वामी राम बालक दास जी महाराज, बद्री विशाल जी महाराज आदि संत महात्माओं के सांनिध्य में नगर भ्रमण करते हुए गर्गाश्रम सागरपाली के लिये प्रस्थान करेगी.
पद्मपुराण दर्दरक्षेत्र महात्म्य खण्ड के अनुसार गर्गाश्रम सागरपाली से प्रारंभ होकर पराशर आश्रम परसिया तक जाने वाली इस परिक्रमा यात्रा का संचालन भृगुक्षेत्र के ऋषि-मुनियों के द्वारा अनादिकाल से की जाती रही है. पहले इस यात्रा में हजारों लोग शामिल होते थे. अर्वाचीन समय में भृगुक्षेत्र के सिद्ध संतश्री खाकी बाबा ने दीर्घकाल तक परिक्रमा यात्रा का संचालन किया.
वर्तमान में भी उनके वंशजों ने इस पुनीत परम्परा को जीवित रखा है. इस यात्रा के वर्तमान संवाहक उमेश चन्द्र चौबे ने बताया कि पंचकोशी परिक्रमा यात्रा चौबे छपरा स्थित ठाकुर मंदिर से 27 अक्तूबर को दो बजे दिन में ठाकुरजी की पूजा अर्चना के उपरान्त पालकी पर संकीर्तन करते हुए प्रारंभ होगी. दीपावली के दिन सायं चार बजे भृगु मंदिर पहुंचेगी, संध्या आरती के बाद रात्रि विश्राम होगा.
इसके बाद 28 अक्टूबर की प्रातः साढ़े छः बजे गर्गाश्रम के लिए प्रस्थान करेगी जहां छोटी सरयू-तमसा तट पर पंचकोशी का मेला लगता है. वहां से 29 अक्टूबर को प्रातः काल गर्गाश्रम से यह यात्रा विमलतीर्थ देवकुलावली (देवकली, बहादुरपुर) पर पहुंचेगी. यात्रा के तीसरा रात्रि विश्राम के बाद 30 अक्टूबर को देवकली से चलकर कुशेश्वर- क्षितेश्वर नाथ महादेव मंदिर छितौनी पहुंचेगी.
इसके बाद 31अक्टूबर को छितौनी से पराशर आश्रम परसिया पहुंचेगी. वहां से पहली नवम्बर को परसिया से चलकर भृगु मंदिर वापस आकर इस यात्रा का समापन होता है.
इस आध्यात्मिक, पौराणिक परिक्रमा यात्रा के संचालक उमेश चन्द्र चौबे एवं सहयोगी डॉ रमाकान्त त्रिपाठी प्राचार्य सच कॉलेज, अशोक चौबे, शत्रुघ्न पाण्डेय, विजय शुक्ल, संजय पाण्डेय, संजय शुक्ल, डब्लू पाठक और शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने भृगुक्षेत्र की पावन परिपाटी परिक्रमा यात्रा में अधिक से अधिक लोगों के सहभागी होने की अपील की.