इंसाफ मिलने तक जारी रहेगा मेरा आंदोलन – स्वाति

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रसड़ा (बलिया)| मैं बलिया की बेटी हूं, जब तक मुझे तथा मेरे परिवार को लोगों को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक मैं अपना आंदोलन जारी रखूंगी. ऐसा कहना है स्वाति सिंह का. स्वाति सिंह गांधी पार्क में बुधवार को अपने और अपने पति दयाशंकर सिंह (भाजपा के निष्कासित नेता) के सम्मान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थी. भाजपा कार्यकर्ताओ एवं क्षत्रिय समाज के लोगों ने यह आयोजन किया था.

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रसड़ा के गांधी पार्क में भाजपा कार्यकर्ताओं और क्षत्रिय समाज की तरफ से स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. (फोटो - बलिया लाइव)
रसड़ा के गांधी पार्क में भाजपा कार्यकर्ताओं और क्षत्रिय समाज की तरफ से स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. (फोटो – बलिया लाइव)

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श्रीमती सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि मैं बलिया जनपद के लोगों की अभारी हूं. आपने यह साबित कर दिया की बलिया के लोगों से कोई टकरा नहीं सकता. मेरे पति ने जो भी कहा उसका मैंने कभी भी समर्थन नहीं किया. पार्टी तथा न्यायालय ने उन्हें दण्ड भी दिया. उसमें मेरे परिवार का क्या कसूर है? आखिर क्यों बसपा कार्यकर्ताओ द्वारा मुझे तथा मेरे परिवार की गालियां दी गईं.

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रसड़ा के गांधी पार्क में बुधवार को स्वाति सिंह को सुनने के लिए उमड़े लोग. (फोटो -बलिया लाइव)
रसड़ा के गांधी पार्क में बुधवार को स्वाति सिंह को सुनने के लिए उमड़े लोग. (फोटो -बलिया लाइव)

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विधायक उमाशंकर सिंह पर भी जमकर बरसी स्वाति सिंह. उन्होंने उमाशंकर सिंह को भइया कहकर सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्हें मैं खाना बनाकर खिलाई हूं. उन्होंने मेरी बच्ची को गोद में खिलाया है. मंच पर उन्हीं के सामने नसीमुद्दीन सिद्दिकी और अन्य बसपा नेताओं द्वारा मुझे तथा मेरी पुत्री समेत पूरे परिवार को गालियां दी जा रही थी. राजनीति इस कदर हावी हो जाएगी उमाशंकर भइया पर, ऐसा मैंने सपने में भी नहीं सोचा था.

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चुटकी लेते हुए स्वाति सिंह ने कहा कि जो आदमी गोद में खिलाई हुई बेटी का नहीं हुआ वह 351 बेटियों के हाथ पीले करवाकर उनका क्या होगा? सपा पर भी हमला बोलते हुए श्रीमती सिंह ने कहा कि सरकार ने शुरू शुरू में मेरी मदद अवश्य की. रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई. सुरक्षा भी मुहैया करवाई गई. हालांकि बाद में मायावती जी के दबाव में सरकार पीछे हट गई. स्वाति सिंह ने किसी भी महिला के अपमान पर आगे आकर लड़ने का आह्वान जनपद वासियों से किया. साथ ही बसपा को किसी भी सूरत में अगले चुनाव में पराजित करने का भी आह्वान किया.

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इस मौके पर मंच पर मौजूद दयाशंकर सिंह ने कहा कि मेरी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया. मैंने कभी भी गलत भाषा का प्रयोग नहीं किया. फिर भी पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली से मैं माफ़ी भी मांगा. लेकिन बसपा अपना खोया जनाधार पाने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए धरना प्रदर्शन करने लगी. इसलिए जरूरी है कि आप आने वाले चुनाव में बसपा को सबक सिखाएं.

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इस सम्मान समारोह में स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह को माल्यापर्ण कर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया और चांदी की मुकुट व गदा देकर सम्मानित किया गया. स्वाति सिंह को साफा बांध कर तलवार भेंट कर रानी लक्ष्मी बाई के रूप से नवाजा गया. इस मौके पर वक्ताओं ने दयाशंकर सिंह को पुनः भाजपा में शामिल करने की जोरदार तरीके से मांग की. दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह ने गांधी जी की आदमकद प्रतिमा पर भी माल्यापर्ण भी किया.

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छात्र नेता तुषार सिंह गोलू, पवन सिंह, प्रवीण सिंह, विवेक सिंह आदि ने दयाशंकर सिंह को गदा भेट किया. पूर्व नगर अध्यक्ष दिनेश वर्मा ने दया शंकर सिंह को चांदी का मुकुट पहनाया. नगर अध्यक्ष गोपाल जी सोनी ने दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह को केशरिया साफा पहनाया. संजय जायसवाल ने स्वाति सिंह को तलवार और ढाल भेंट किया. सुशील कुमार सोनी ने स्वाति को श्रीनाथ बाबा का स्मृति चिन्ह भेट किया.

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इस मौके पर मण्डल अध्यक्ष रवीन्द्र तिवारी, बाल्मिकी तिवारी, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. रामानुज मिश्र, पूर्व प्रधान टुनटुन सिंह, मजोज राम, भानु प्रताप सिंह, सुमित पाण्डेय, अकबाल अहमद, सत्या सिंह, गोविन्द गुप्ता, प्रेम चन्द सिंह, दुर्गेश सिंह गोलू, अनिल सिंह, मंगल सिंह आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए. अध्यक्षता पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष तेज बहादुर सिंह ने तथा संचालन कैलाश सिंह ने किया

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