रिंग बंधे को बचाने में एनडीआरएफ ने झोंकी ताकत

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एनडीआरएफ की तीन टीमें लगातार कर रहीं निगरानी

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बलिया। दुबेछपरा रिंग बांध पर सम्भावित खतरे से पूरा जिला प्रशासन जहां हलकान है, वहीं उस क्षेत्र के ग्रामीण भी यह सोच कर दहशतजदा हैं कि यदि बंधा टूटा तो भारी तबाही को कोई रोक नहीं सकता. ऐसे में दिल्ली से आए एनडीआरएफ के डीआईजी रणदीप राणा के दिशा निर्देशन में एनडीआरएफ की तीन टीमें लगातार दिन रात एक-कर बंधे को बचाने में जुटी हुई है. जिला प्रशासन तथा ग्रामीणों का सहयोग भी टीम को मिल रहा है.

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शुक्रवार को डीआईजी एनडीआरएफ रणदीप राणा ने दूबे छपरा-उदई छपरा का औचक निरीक्षण कर टीम को आवश्यक निर्देश दिया. उन्होने अपने मातहतों के साथ एनडीआरएफ की विशेष नाव से कटान से प्रभावित एक-एक प्वाईंट को नजदीक से देखा तथा टीमों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए. एनडीआरएफ की टीमों की कार्यकुशलता से बंधे को बचाने में मिली सफलता के लिए तीनों टीमों को धन्यवाद देते हुए  कहा कि यदि बंधा टूट जाता तो गोपालपुर, श्री नगर तथा उदई छपरा की 20 हजार की आबादी तबाह हो जाती. ऐसी परिस्थिति में बाढ़ प्रभावित लोगो में जिला प्रशासन, जल निगम तथा बाढ़ विभाग के अधिकारियों के प्रति घोर नाराजगी देखी गई. लोगों ने  प्रशासन द्वारा राहत कार्यो को नाकाफी बताया गया. बाढ़ पीड़ितों ने राहत कार्यों में तेजी लाने की मांग की है. इस अवसर पर डीआईजी रणदीप राणा, टूआईसी कौशलेश,  डीसीवी तिवारी,  एसी पीएन शर्मा व नरेन्द्र,  इन्स्पेक्टर अनिल शर्मा, एसआई मनीष चैबे उपस्थित रहे.

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