बलिया लाइव न्यूज नेटवर्क
मैं शुक्रगुजार हूं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का. उन्होंने संकट की घड़ी में मेरे परिजनों को सुरक्षा मुहैया करवाई. मेरे परिवार को बसपा कार्यकर्ताओं से धमकी मिल रही है. ऐसा कहना है भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह का. यह उद्गार उन्होंने टाइम्स आफ इंडिया के साथ बातचीत में प्रकट किया है. श्री सिंह ने कहा कि जो कुछ भी मैंने कहा (मायावती के संदर्भ में), वह निर्विवाद रूप से गलत है. मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था. 19 जुलाई को मऊ में मीडिया के सवालों का जवाब देते वक्त मैंने ऐसा कहा. मगर बसपा मुखिया की यह अदा है कि वह अधिक से अधिक पैसे वसूल कर ही टिकट देती हैं. गलती का आभास होने पर मैंने तत्काल क्षमा याचना की थी. अब भी कर रहा हूं.
अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं दयाशंकर
पुलिस से भागे भागे फिरने के सवाल पर दयाशंकर बोले, मैं पुलिस और कानून को पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हूं. बशर्ते पहले मैं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकूं. बसपा नेता और कार्यकर्ता तो मेरी जीभ काटने की धमकी दे रहे हैं. कुछ ने मेरे सर पर इनाम की घोषणा भी कर रखी है. वैसे, आज तक मुझे एफआईआर की कॉपी भी नहीं मिली थी. मुझे तो मीडिया से ही इसकी जानकारी मिली थी. अब मैं पुलिस को जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हूं.
परिजनों संग हुई बदसलूकी टीस बन चुकी है
बसपा सुप्रीमो से बार बार क्षमा मांगने के बावजूद दयाशंकर के मन में परिजनों संग हुए दुर्व्यवहार को लेकर क्षोभ भी साफ नजर आया. उन्होंने कहा, एक गलती के लिए मैं चार दंड भुगत चुका हूं. इसके बावजूद बीएसपी मुखिया ने नसीमुद्दीन समेत अन्य नेताओं को उकसाया. मेरी पत्नी, बेटी और बहन के खिलाफ अपशब्द बोले गए. क्या यह उचित है? क्या मायावती की तरह सम्मान और प्रतिष्ठा पर उनका हक नहीं है?
बेटी का जिक्र करते ही भावुक हो उठे
परिजनों के लिए कुछ न कर पाने का मलाल भी उन्हें है. बेटी का जिक्र करते ही वे बोले, मुझे नहीं पता बसपाई क्यों मेरी बेटी और परिजनों का मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं. राजनीति में मैं बीते 25 सालों से हूं. व्यस्तताओं की वजह से मैं तो अपने परिजनों को समय ही नहीं दे पाया. मैं तो जीवन में उनके लिए कुछ भी नहीं कर सका. अब वे मेरी वजह से दुश्वारियां झेल रहे हैं.
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कम से कम बसपा नेता मेरी बेटी से क्षमा तो मांगे – दयाशंकर
नसीमुद्दीन सिद्दीकी दयाशंकर के एजेंडे में भी है. वे बोले, मैं भी चाहता हूं कि कानून अपना काम करे. मैं उसका सामना भी करने के लिए तैयार हूं. एक बात समझ में नहीं आती. मैंने माफी मांग ली, मेरी पार्टी के आला नेताओं ने माफी मांग ली. मगर बसपा के नेता और कार्यकर्ता मेरी बेटी से क्षमा तक मांगने को तैयार नहीं दिखते. मेरी पार्टी ने मेरे खिलाफ तो एक्शन ले लिया. मगर बसपा आलाकमान ने अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.