इस मौसम में डेंगू से बच्चों का करें बचाव::डॉ सिद्धार्थ

Demonstration held in Hapur on the call of UP Bar Council regarding brutality with advocates.
इस मौसम में डेंगू से बच्चों का करें बचाव::डॉ सिद्धार्थ

 

  1. बरसात के मौसम में मच्छरों के प्रकोप से होता है डेंगू बुखार
     
  2. मौसम में बदलाव के कारण शरीर की इम्युनिटी होती है कम
  3.  “हड्डी तोड़ बुखार” के नाम से भी जाना जाता है

बलिया. वर्तमान समय में डेंगू से बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है. इसके लिए जनमानस में जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है. यह बातें जिला महिला चिकित्सालय स्थित प्रश्वोत्तर केंद्र पर तैनात वरिष्ठ नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ मणि दुबे ने कहीं.

डॉ दुबे ने कहा कि मौसम का मिजाज पल पल बदल रहा है. कभी तेज धूप लोगों को गर्मी का एहसास कराती है तो कभी अचानक बरसात होने लगती है और मौसम सर्द हो जाता है. इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है. ऐसे में बच्चों को लेकर हमें विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है.

इसकी एक वजह यह भी है कि जब मौसम में अचानक बदलाव होता है तो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी प्रभावित करता है, जिससे एलर्जीक और वायरल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए वर्तमान समय में सांस के रोगी (दमा), टीवी के मरीज के साथ-साथ गर्भवती महिलाएं एवं बच्चों को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है.

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

इनसेट…
डेंगू बुखार के लक्षण
बलिया. डॉक्टर दुबे बताते हैं कि डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है जो एडिज इजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलती है. यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटता है. डेंगू बुखार एक तरह का वायरल बुखार है जिसमें बच्चों को अचानक तेज बुखार आना(40 डिग्री सेल्सियस/104 डिग्री फॉरेनहाइट), त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते दिखना, पूरे शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना, भूख न लगना, अत्यधिक कमजोरी लगना आदि साधारण डेंगू के शुरुआती लक्षण हैं. वही अत्यधिक गंभीर डेंगू (डेंगू हेमोरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम) होने की स्थिति में शुरुआती लक्षणों के साथ-साथ शरीर (मसूड़े,नाक आदि)से खून आना, शरीर की चमड़ी पीली और ठंडी पड़ जाना, सांस लेने में तकलीफ होना, नसों का कमजोर होना और तेजी से चलना, रक्तचाप काम होना, पेट में तेज दर्द होना और अत्यधिक बेचैनी होना प्रमुख लक्षणों में आते हैं. डेंगू संक्रमण होने पर शरीर में प्लेटलेट्स कोशिकाओं की संख्या में अचानक बहुत तेजी से कमी होने लगती है जिससे रक्तस्राव की संभावना बढ़ जाती है और यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

इनसेट….
डेंगू बुखार से बचाव

  1. बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाए  जिससे उनके हाथ-पांव पूरी तरह ढके रहे.
  2. घर के आसपास छोटे डिब्बों, कूलर, गमलों और टायर  आदि में पानी इकट्ठा न होने दे.
  3. मच्छर भगाने वाली दवाओं/ वस्तुओं, मच्छरदानी आदि का प्रयोग करें एवं घर के आसपास कीटनाशक दावों का
  4. छिड़काव करें.
  5. बच्चों को पर्याप्त मात्रा में तरल पेय पदार्थ जैसे ओआरएस का घोल,चावल का मांढ,मूंग की दाल, नारियल पानी आदि का सेवन कराते रहे
  6. बच्चों में डेंगू के किसी भी लक्षण के दिखने पर उसको तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय परामर्श में ही इलाज कराएं.
  • आशीष दुबे की रिपोर्ट
Click Here To Open/Close