बुधवार को घाघरा नदी में डूबे बालकों का नहीं चला पता वाराणसी से पहुंची एनडीआरएफ की टीम

NDRF team arrived from Varanasi on Wednesday, children drowned in Ghaghra river could not be found

बुधवार को घाघरा नदी में डूबे बालकों का नहीं चला पता वाराणसी से पहुंची एनडीआरएफ की टीम

 

बांसडीह , बलिया. कोतवाली क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव के सामने सरयू (घाघरा ) नदी के तट पर बुधवार की सायं नदी में स्नान के दौरान डूबे हुए दो बालकों का गुरूवार को भी कुछ पता नहीं चल पाया. वाराणसी से आयी एनडीआरएफ की टीम सरयू( घाघरा ) के बाढ़ के पानी में दोनों बालकों की खोजबीन कर रही हैं. उधर नदी में स्थानीय गोताखोरों की एक टीम भी मोटरयुक्त नाव से पानी में खोजबीन कर रही थी. तट पर भारी संख्या में जुटे ग्रामीण बालकों को नदी के किनारे भी खोजने का प्रयास कर रहें हैं.

गांव के टोलापुर मुहल्ला निवासी मंहथ यादव का 11 वर्षीय पुत्र विकास यादव तथा विश्वकर्मा राजभर का पुत्र 10 वर्षीय रवि राजभर बाढ़ के पानी में स्नान के दौरान डूब गये थे. एनडीआरएफ की वाराणसी से दिन में तीन बजे के करीब सुल्तानपुर पहुंची टीम ने दोनों बालको को नदी में खोजबीन करने का प्रयास कर रही हैं.

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एनडीआरएफ अपनी नाव में सेफ जैकेट के साथ बालकों को खोजने का प्रयास कर रही है. ग्रामीणों ने भी बालकों को अपनी मोटरनाव से चांदपुर घाट तक नदी में खोजने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली. गुरुवार को भी नदी घाट पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जुटी थी. दोनों बालकों के परिजन भी पूरे दिन घाट किनारे ही बैठे रहे.

मौके पर एसडीएम राजेश गुप्ता, पुलिस क्षेत्राधिकारी एस एन बैश्य,कोतवाल योगेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रधान सुग्रीव यादव, बिजय यादव,संजय परिहार, लेखपाल नवनीत खरवार, आदि ने बालकों के परिजनों को सांत्वना दी तथा घाट पर ही बालकों को खोजने के प्रयास में जुटे रहे.

बांसडीह से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट
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