बलिया: यूक्रेन में फंसे भारतीयों में अब तक जिले के 17 लोग चिन्हित हुए हैं. इनमें 7 लोगों को सकुशल घर पहुंचाया जा चुका है. घर पहुंचने के बाद जनपद की ओर से संबंधित तहसील के प्रशासनिक अधिकारी पहुंचकर हाल चाल ले रहे हैं.
आपदा प्राधिकरण बलिया के आपदा विशेषज्ञ की ओर से मिली सूचना के अनुसार, निःशुल्क व सुविधाजनक तरीके से इनको घर तक पहुंचाया जा रहा है. यूक्रेन से आने के बाद नई दिल्ली से इनोवा रिजर्व करके इनको घर भिजवाया जा रहा है. इसका सारा खर्च सरकार उठा रही है. उन्होंने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र के सेमरिया में कृष्ण प्रसाद श्रीवास्तव से तहसीलदार सदानंद सरोज ने तथा फेफना में हर्षित दूबे से मुलाकात कर हालचाल लिया. इसी प्रकार बेल्थरा के तहसीलदार ने भी अपने क्षेत्र के यूक्रेन से आये व्यक्ति के परिजनों से मुलाकात की.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)
यूक्रेन से सही सलामत घर पहुंचा मेडिकल का छात्र
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बेल्थरारोड, बलिया. स्थानीय नगर निवासी यासिर रफीक यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करने गया था. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग में वहीं फंस गया. यासिर के सही सलामत वापस घर पहुंचने से परिवार के सदस्यों में खुशी की लहर है. यूक्रेन के इवानो फ्रैंकविस्ट में नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के 5 वे वर्ष के छात्र यासिर रफीक बेल्थरारोड स्थानीय नगर के बस स्टेशन गली वार्ड नंबर- 2 के निवासी हैं. उन्होंने यूक्रेन से घर वापसी की कहानी से साझा की. यासिर रफीक के अनुसार 26 फरवरी को यूक्रेन बार्डर के समीप पहुंचे. वहां से उतर कर 10- 15 किमी पैदल चल कर बार्डर पहुंचे. वहां हमने 24 घंटे इंतजार किया. तब 27 को बार्डर क्रास करने मे सफल रहा.
रोमानिया में प्लास्टिक के बने सेल्टर में हमें ठहराया गया. इस दौरान एक दिन सेल्टर न मिलने से कुछेक बच्चों को बाहर कम्बल ओढ़कर समय बिताना पड़ा. इस दौरान रोमानिया के एनजीओ द्वारा किए गए सहयोग की काफी सराहना की. बताया कि 2 दिन बाद हम 2 मार्च को एयरपोर्ट पहुंचे जहां हवाई जहाज में बैठने के बाद हमसे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मिले तथा हमारा हालचाल लिया.
जानकारी दी कि हवाई जहाज की यात्रा करके हम दिल्ली पहुंचे. जहां यूपी के बच्चों को एक इनोवा कार द्वारा यूपी भवन पहुंचाया गया. जहां सभी 5 छात्रों ने नहाने धोने के बाद भोजन किया. बाद में पुनः इनोवा से हम सभी यूपी के 5 छात्रों को उनके घर रवाना कर दिया गया. 4 मार्च को यासिर रफीक के बेल्थरारोड पहुंचने पर उनके परिजनों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा तथा उसे अपने गले लगा लिया. रोमानिया से छात्रों के घर तक के आने वाले सभी खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया गया. यासिर रफीक ने इस पर भारत सरकार का शुक्रिया करते हुए वहां फंसे हुए अन्य छात्रों को भी उनके घर पहुंचने में मदद की मांग की है.
(बेल्थरारोड संवाददाता उमेश गुप्ता की रिपोर्ट)