मनियर, बलिया. आपातकाल की घटना का जिक्र करते हुए पवन सोनी चाय वाले मनियर परशुराम स्थान जनपद बलिया ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू होते ही लोगों के होश उड़ गए थे और तानाशाही सरकार ने विपक्ष के सारे नेताओं को फर्जी मुकदमें में फंसाकर अनिश्चितकाल के लिए जेल में डाल दिया.
उस तानाशाही सरकार के खिलाफ किसी को बोलने की हिम्मत नहीं थी. उसी समय बागी बलिया के सिताबदियर के जेपी बाबू ने पूरे देश में आंदोलन चलाकर तानाशाही सरकार के खिलाफ आवाज उठाई. उनके घोर विरोध के कारण सरकार को झुकना पड़ा तब जाकर लोकतंत्र की रक्षा हुई और लोगों को आपातकाल से मुक्ति मिल गई. कुछ नेता कुर्सी के मोह में सारी त्रासदी भूल गए लेकिन जेपी बाबू ने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और अपना लड़ाई आजीवन जारी रखा.
हमें 25 जून को आपातकाल से मुक्ति दिलाने वाले जेपी बाबू को याद करने की जरूरत है तथा लोकतंत्र को बचाने का संकल्प लेने की.
(मनियर संवादाता -वीरेंद्र सिंह की रिपोर्ट)