130 करोड़ का प्रोजेक्ट भी नहीं रोक पाया गंगा का वेग, गोपालपुर में घुसा बाढ़ का पानी, 20 हजार आबादी पर मंडराया खतरा

बैरिया विधानसभा क्षेत्र में गंगा की प्रचंड लहरें अपना रूप दिखाने लगी हैं. शुक्रवार रात में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर सेमी फ्लड डेंजर पॉइंट 58.725 मीटर को भी पार कर गई है. शनिवार को दोपहर 12 बजे केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण केंद्र गायघाट में गंगा का जलस्तर 59.18 मीटर मापा गया जबकि 3 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ाव जारी है.

उधर रात में गंगा नदी के बाढ़ का पानी गोपालपुर ग्राम पंचायत के गोपालपुर, दुबेछपरा, उदयी छपरा गांव में घुसकर एनएच 31 तक पहुंच चुका है. पीजी कॉलेज व इंटर कॉलेज दुबे छपरा के कंपाउंड व बाहर के मैदान में पानी भर गया है, और समाचार लिखे जाने तक लगातार पानी बढ़ रहा है.

गांवों में गंगा के बाढ़ का पानी भर जाने की वजह से लोग गांव से निकल कर के अपना सामान लेकर एनएच 31 के किनारे दुबे छपरा से प्रसाद छपरा ढाला के बीच हाईवे के दोनों किनारों पर साफ करके अपनी झोपड़ी लगाना शुरू कर दिए हैं.

यहां यह उल्लेखनीय है कि गंगा के बाढ़ व कटान से सुरक्षा के लिए रामगढ़, गंगापुर में स्पर बनाने तथा गंगा नदी के उस पार गंगा का धारा मोड़ने के लिए ड्रेजिंग कार्य के लिए 130 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम चलता रहा. बावजूद इसके गंगा के बाढ़ का पानी रामगढ़ कस्बा के लगभग 100 मीटर पूरब से 300 मीटर पश्चिम तक एनएच 31 पर दबाव बनाए हुए हैं. जहां अब एनएच 31 की सुरक्षा के लिए फ्लड फाइटिंग का कार्य चल रहा है.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 130 करोड़ के प्रोजेक्ट पर अब तक हुए कार्य का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की बातों को माने तो इस साल प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी माह में ही धन अवमुक्त करा दिया था लेकिन कराए गए कार्यों में अनियमितता की गई. रामगढ़ के इर्द-गिर्द तीन स्पर कहने को तो बना दिए गए हैं लेकिन स्पर के निर्माण में अगल-बगल से मिट्टी काटकर गड्ढा कर दिया गया. नाला की तरह बने गड्ढों में गंगा के बाढ़ का पानी भर गया है जो सीधे एनएच पर दबाव बना रहा है. ऐसे में वहां पर हालात अच्छे नहीं है. गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का क्रम इसी तरह से बना रहा तो बाढ़ का पानी एनएच को ओवरफ्लो कर उत्तर दिशा में आबादी की ओर गिरने लगेगा.

उधर गोपालपुर ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का कहना था की अगर ड्रेजिंग का कार्य पूरा हो गया होता तो भी कुछ राहत रहती. फिर आंदोलन करके हम लोगों ने मांग रखी थी की दुबे छपरा रिंग बंधा ही ठीक कर दिया जाए, इसी का निर्माण करा दिया जाए तो लगभग 12 हजार की आबादी जिस में बाढ़ का पानी घुस आया है, वह तो नहीं आता. इसके पहले कई वर्षों तक हमारा गांव सुरक्षित रहा है और पानी नहीं आता था. वर्ष 2019 में जो रिंग बंधा टूटा उसको ठीक करने के बजाए हमारे यहां कटान से बचाव के लिए करोड़ों की लागत से पारको पॉइंन पद्धति से काम करा दिया.

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ग्रामीणों ने एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गई योजनाओं के लिए समय रहते धन मुक्त कराने की तारीफ की वही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों तथा बाढ़ खंड पर लूटपाट का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया की रुड़की से बनकर इस क्षेत्र को बाढ़ कटान से बचाव के लिए जो योजना और नक्शा भेजा गया था, बाढ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने उससे अलग मनमाने ढंग से काम किया और कराया है.

वहीं गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ाव से 20 हजार आबादी तथा 150 हेक्टेयर खेतों में खड़ी फसलों पर गंगा के बाढ़ का खतरा मडराने लगा. तटवर्ती गांव के लोगों की बातों को अगर माने तो गोपालपुर ग्राम पंचायत के गोपालपुर, दुबे छपरा, उदई छपरा, आलम राय के टोला, बड़का व छोटका बुधनचक, मठिया, मुरली छपरा, जगदेवा, पांडेपुर, मिश्र गिरी के मठिया, चिंतामणि राय के टोला, गुदरी राय के टोला, वंश गोपाल छपरा आदि लगभग 20, हजार की आबादी तथा दुबे छपरा से टेंगरही संसार टोला तटबंध तक एनएच 31 के दक्षिणी किनारे पर के लगभग डेढ़ सौ हेक्टेयर भाग पर बाढ़ का पानी गिरने लगा है. खेतों के ऊंचे वाले हिस्से फिलहाल बचे हैं, जबकि नीचे वाले हिस्से सड़क के किनारे तक जलमग्न हो गए हैं.

उधर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए स्थानीय प्रशासन अपनी तैयारियां तेज कर दी है. दुबे छपरा हनुमान मंदिर पर बाढ़ राहत शिविर प्रशासन की तरफ से स्थापित कर दिया है गया है. वहां पर राजस्व कर्मी, ब्लॉक कर्मी तथा स्वास्थ्य चिकित्सा, पशु चिकित्सा के लिए कर्मचारी तैनात है. बाढ़ राहत शिविर पर जाकर तहसीलदार बैरिया व एस एच ओ बेरिया बार-बार चक्रमण कर रहे हैं. एसएचओ राजीव मिश्र ने बताया कि किसी भी तरह की परेशानी की दशा में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जगह जगह पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं.

वही बैरिया तहसीलदार शिव सागर दुबे ने बताया कि अगर विकट परिस्थितियां बनती है तो बाढ़ पीड़ितों के रहने, भोजन, प्रकाश, पर्याप्त संख्या में बड़ी, छोटी व मझोली नावें, स्वास्थ्य टीम, पशु चारा सब का इंतजाम कर लिया गया है. तिरपाल और खाद्य सामग्री यहां पहुंच जाएगा. पीड़ितों को किसी तरह की असुविधा ना हो इसके लिए तैयारी कर ली गई. जो कुछ कमी रह गई है वह शाम तक पूरी कर ली जाएगी.

(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)