लॉकडाउन: प्रयागराज में फंसे 9000+ छात्रों को घर भेजेगी योगी सरकार

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लखनऊ/प्रयागराज। कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उप्र के अन्य जिलों के छात्रों को भी उनके गृह जनपदों में भेजने का फैसला किया है. वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा यह प्रकरण संज्ञान में लाने के बाद मुख्यमंत्री ने सोमवार को इसके निर्देश दिए.

अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसके लिए प्रयागराज के जिलाधिकारी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं. इस समय प्रयागराज में करीब 9,000-10,000 छात्र-छात्रायें हैं. इन्हें उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की 300 बसों से चरणबद्ध तरीके से आज शाम या कल से पुलिस सुरक्षा के साथ वापस भेजना शुरू कर दिया जायेगा. इन सभी छात्रों का नाम, पता सहित पूरी जानकारी दर्ज की जायेगी.

उन्होंने बताया कि पहले चरण में सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फतेहपुर और चित्रकूट में छात्र भेजे जायेंगे. इसके बाद इन्हीं बसों से दूसरे चरण में अन्य जनपदों में छात्रों को भेजा जायेगा.



अपर मुख्य सचिव के मुताबिक मुख्यमंत्री ने छात्र हित को सर्वोपरि बताया है. उनका कहना है कि जब हम कोटा से अपने प्रदेश के छात्रों को वापस ला सकते हैं, तो फिर प्रदेश के छात्रों को भी उन्हें उनके जनपदों में भेजा जा सकता है. वहीं अगर अन्य राज्य अपने छात्र-छात्राओं को यहां से वापस बुलाना चाहेंगे, तो उनके लिए भी सरकार पूरी व्यवस्था करेगी.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हरियाणा से कामगारों को वापस लाया गया. रविवार को सहारनपुर बार्डर पर 74 बसें, शामली बार्डर पर 55 बसें, बागपत बार्डर पर 47 बसें, मथुरा बार्डर पर 63 बसें और बुलंदशहर बार्डर पर 89 बसें आईं. उन्होंने बताया कि इस तरह रविवार को 328 बसों से 9992 श्रमिकों को उत्तर प्रदेश लाया. इससे पहले शनिवार को 2224 श्रमिक वापस लाये गये थे.

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सहारनपुर से 76, शामली से 61, बागपत से 49, मथुरा से 70 और बुलंदशहर से 93 बसों को मिलाकर 349 बसों को जनपद स्तर पर भेजा गया. सभी बसें जिलों में पहुंच गई हैं और श्रमिक अपने गृह जनपद के क्वारंटाइन सेंटर में हैं. अभी तक कुल 12216 श्रमिकों को वापस लाकर क्वारंटाइन किया जा चुका है.

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अन्य राज्यों से श्रमिकों को उत्तर प्रदेश में वापस लाया जाना एक बड़ी उपलब्धि है. उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जिसने बसें भेजकर पहले कोटा से बच्चों को सकुशल उनके घर तक पहुंचवाया है. प्रत्येक बच्चे को फोन करके उनका हाल-चाल भी लिया जा रहा है. अब हरियाणा से आए श्रमिकों को भी क्वारंटाइन केंद्र में रखकर अवधि पूर्ण करने के बाद उन्हें भी ‘होम क्वारंटाइन’ में भेजा जाएगा.