डबडबाई आंखों से द्वाबा वासियों ने दी अपने सपूत शहीद सूरज को अंतिम विदाई

आकाश में काले बादल छाए और बरस पड़े, लगा इस कारुणिक अवसर पर बादल भी आंसू बहा रहे हैं

बैरिया(बलिया)। लम्बे इंतजार के बाद वायुसेना के एएन-32 विमान हादसे में मृत वायुसैनिक शहीद सूरज कुमार सिंह का पार्थिव शरीर तिरंगा में लिपटा शुक्रवार को उनके पैतृक गांव शोभाछपरा पहुंचा. शव पहुंचते ही गाँव में रुदन क्रंदन मच गया. हजारों की संख्या में वहां उपस्थित लोगों की आंखें डबडबा आईं. उस वक्त आकाश में काले बादल छाए और बरस पड़े, मानो इस कारुणिक अवसर पर बादल भी आंसू बहा रहे हैं. लोग ‘हमारा सपूत सूरज अमर रहे’, ‘शहीद सूरज अमर रहे’ भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. सब दुःखी, सब गमगीन नजर आ रहे थे.

रुंध गए कंठ, छलक पड़ी आंखें

वायु सैनिकों ने जैसे ही सूरज सिंह के शव को गाड़ी से नीचे उतारा मां पूनम देवी व दादी बिलख उठीं. पत्नी शालू तो बार-बार बेहोश हो जा रही थी. दोनों भाई प्रिस और विक्रांत का रोते-रोते बुरा हाल था. वहीं पिता विनोद सिंह पार्थिव शरीर के साथ लिपटकर बिलख रहे थे. सूरज के कई करीबी दोस्त और रिश्तेदार भी काफी मर्माहत थे. घर की महिलाओं के साथ सूरज की नवव्याहता पत्नी सालू ने अपने शहीद पति को अन्तिम सलामी दी तो कुछ देर के लिए उस वक्त वहां उपस्थित लोगों के कंठ रुंध गए, आंखें छलक पड़ीं. बीते फरवरी माह में ही सालू व सूरज का विवाह हुआ था.

शहीद सूरज कुमार सिंह का पार्थिव शरीर जब शुक्रवार को जिले में पहुंचा तो जो जहां से सुना उस ओर दौड़ पड़ा. एएन-32 विमान हादसे के 19 दिनों बाद दिन के एक बजे बलिया, हल्दी, बैरिया होते हुए उनके पैतृक निवास शोभा छपरा पहुंचा. इससे पहले रास्ते में जगह-जगह लोगों ने वायुसेना के वाहन को रोक कर पुष्प अर्पित किये. इस दौरान मौसम भी ऐसा हो चला था, मानों सैनिक सूरज के लिए पूरा आसमान रो रहा था.

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जोरहाट से वायुसेना के विमान से शहीद सूरज कुमार सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को गोरखपुर पहुंच चुका था. वहां से शुक्रवार को वायुसैनिक सड़क मार्ग से शोभाछपरा पहुंचे थे. पार्थिव शरीर लेकर एयर फोर्स का वाहन जैसे ही शोभा छपरा गांव में प्रवेश किया अंतिम दर्शन व श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए जन सैलाब उनके घर की ओर दौड़ पड़ा. महिलाएं बिलख-बिलख कर रो रहीं थीं तो पुरुषों की आंखें भी नम थी.


शाम को लगभग साढ़े चार बजे महुली स्थित गंगा तट पर राजकीय सम्मान के साथ शहीद सूरज का अंतिम संस्कार किया गया. उन्हें उनके छोटे भाई प्रिस सिंह ने मुखाग्नि दी. इससे पूर्व वायु सैनिकों ने मातमी धुन बजाया और शस्त्र उल्टा कर अंतिम सलामी दी.

प्रशासन की तरफ से अपर पुलिस अधीक्षक विजयपाल सिंह व अपर जिलाधिकारी रामाश्रय ने शहीद सूरज सिंह के शव पर माल्यार्पण किया. वहीं पूर्व सांसद भरत सिंह, विधायक सुरेंद्र सिंह, भाजपा नेता साकेत सिंह सोनू, पूर्व प्रमुख कन्हैया सिंह, सांसद पुत्र विपुलेंद्र प्रताप सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने अंत्येष्टि से पूर्व शहीद के पार्थिव शरीर पर फूल माला चढ़ाकर उन्हें अंतिम विदाई दी.
शहीद सूरज कुमार सिंह का पार्थिव शरीर बलिया जनपद में आते ही लोग वायुसेना की गाड़ी को रोकवाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

इसी क्रम में बैरिया के चिरइयां मोड़ पर अपने क्षेत्र की जनता जनार्दन की तरफ से शहीद सूरज कुमार सिंह के पार्थिव शरीर पर फूलमाला चढ़ाकर विधायक सुरेंद्र सिंह ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया. डा. लोहिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिवार की तरफ से प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौबे, इंटक के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीबी मिश्र, राधेश्याम यादव ने बैरिया मोड़ पर पुष्प अर्पित किया, वहीं सोनबरसा मोड़ पर सूरज कुमार सिंह के ससुराल के लोगों में उनके संबंधी रणजीत सिंह, मोहन सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर उन्हें अंतिम विदाई दी. सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के अनुज पूर्व प्रमुख कन्हैया सिंह, पूर्व प्रमुख अनिरुद्ध यादव, प्रमुख प्रतिनिधि चइत राम, सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के पुत्र विपुलेंद्र प्रताप सिंह, श्याम सुंदर उपाध्याय, प्रशांत उपाध्याय, कुलदीप सिंह रिकू सहित सैकड़ों लोगों ने सूरज कुमार सिंह के पार्थिव शरीर पर फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. भाजपा के वरिष्ठ नेता साकेत सिंह सोनू अपने गांव के लाल के लिए ज्यादा द्रवित थे. तहसील प्रशासन की तरफ से दुष्यंत कुमार मौर्य, अपर पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार यादव, तहसीलदार रामनारायण वर्मा, एसएचओ बैरिया अनिल चंद्र तिवारी, हल्दी एसओ सुनील कुमार सिंह सहित बैरिया सर्किल के सभी एसएचओ शामिल थे.

बता दें कि 3 जून को असम के जोरहाट सेंटर से वायुसेना के 13 जवान एएन 32 विमान पर सवार होकर अरुणांचल प्रदेश के मेचूका एयरफोर्स सेंटर के लिए उड़ान भरा था.
इसके बाद अरुणांचल प्रदेश के लोपो गांव की समीप पहाड़ी पर विमान का हादसा हो गया था. लेकिन उस समय विमान लापता होने की खबर थी. इसलिए परिजन सूरज के वापस आने की उम्मीद लगाए बैठे थे. एयरफोर्स के जवानों के मशक्कत के बाद 9 जून को विमान का मलवा मिला तो इसकी सूचना परिजनों तक पहुंचा था.

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