फर्जीवाड़ाः बलिया के आठ शिक्षक अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश

उन्नाव। 12460 सहायक शिक्षक भर्ती में दो माह पहले फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. इस दौरान दो बार के सत्यापन में सभी दस अभ्यर्थियों के टीईटी अभिलेख फर्जी पाए गए. एक महिला अभ्यर्थी ने जिले में प्रशिक्षण पाने की बात कहकर फर्जी तरीके से नौकरी पा ली. जांच में हापुड़ से बीटीसी प्रशिक्षण की पुष्टि होने पर नियुक्ति निरस्त कर दी है. बीएसए ने बताया कि दस अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं.

अप्रैल महीने में सहायक शिक्षक भर्ती काउंसलिंग हुई थी. काउंसलिंग में गाजियाबाद से तीन और बलिया से आठ अभ्यर्थी शामिल हुए थे. अभ्यर्थियों ने अपने टीईटी प्रमाणपत्र व अन्य मूल अभिलेख शामिल किए थे. 19 अप्रैल रामजनक ने हाईकोर्ट में रिट दायर कर प्रदेश के कई अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों पर सवाल उठाए थे. हाईकोर्ट के निर्देश पर 27 अप्रैल को बीएसए ने टीईटी प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया. इस दौरान सचिव उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद से टीईटी व शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराया गया. जांच रिपोर्ट में टीईटी अभिलेख फर्जी बताए गए.

इसके तहत जिले के भी दस अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई. बीएसए बीके शर्मा ने कोर्ट व सचिव के आदेशों के क्रम में इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति न देते हुए जांच शुरू करा दी. दोबारा के सत्यापन में भी सचिव उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद ने साफ तौर पर टीईटी प्रमाण पत्रों का कोई साक्ष्य न होने की रिपोर्ट दी है. मंगलवार बीएसए ने शासन के निर्देश पर सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया निरस्त कर दी है. इसके अलावा एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. बीएसए बीके शर्मा ने बताया कि जांच में गैर जनपद के आठ पुरुष व दो महिला अभ्यर्थियों के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी होने की पुष्टि हुई है. शासन के निर्देश पर सभी के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है.

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सहायक शिक्षक भर्ती में शामिल महिला अभ्यर्थी प्रीती ने स्वयं को उन्नाव में ही प्रशिक्षण किए जाने की जानकारी दी थी. जिसके तहत प्रीती को ब्लाक सुमेरपुर के प्राथमिक विद्यालय सुल्तानपुर में सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति दे दी गई. बीएसए की जांच में शिक्षिका के उन्नाव के बजाए हापुड़ डायट से बीटीसी प्रशिक्षण करने की पुष्टि हुई. इस पर उन्होंने नियुक्ति रद्द कर दी है. गाजियाबाद निवासी रविकुमार, कन्हैया और बलिया निवासी रमेश, धर्मेंद्र भारती, अक्षय लाल यादव, नीतू गुप्ता, सुशीला यादव, चंदन यादव, अवधेश यादव, नरेंद्र पाल यदुवंशी कार्रवाई की जद में आए हैं.