अगस्त क्रांति के अग्रदूत बलिया में अगस्त क्रांति उत्सव का आगाज

बलिया। प्लास्टिक, थर्मोकोल मुक्त बलिया बनाने के संकल्प के साथ बयालिस की अगस्त क्रांति के अग्रदूत बलिया में अगस्त क्रांति उत्सव का आगाज हुआ. शहीद पार्क चौक में महात्मा गाँधी और जिले के अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर पं महानन्द मिश्र की जीवन संगिनी राधिका मिश्रा एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रान्तीय संगठन मंत्री शिवकुमार सिंह कौशिकेय के नेतृत्व में निकले जुलुस में लोग वन्दे-मातरम, भारत माता की जय, अगस्त क्रांति अमर रहे के नारों से नगर गूंज उठा. 09 अगस्त की क्रांति के नायक सेनानी उमाशंकर सोनार का माल्यार्पण कर रेलवे स्टेशन होते हुए क्रांति मैदान टाऊन हॉल में समापन हुआ.

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इस क्रांति की जीवंत गवाह श्रीमती राधिका मिश्रा ने दिनकर जी की पंक्तियों को उद्धृत करने का आदेश दिया.
“ओ महादेश! बुरा फल है शूरों के शोणित पीने का ,
देना होगा तुम्हें एक दिन गिन-गिन मोल पसीने का.
कल होगा इन्साफ, यहाँ किसने क्या किस्मत पायी है,
अभी नींद से जाग रहा युग, यह पहली अँंगडाई है”.
कहा कि इस देश की युवा पीढ़ी को इस देश को सजाना संवारना है. जिसके लिए अपने पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास बलिदान को स्मरण करना होगा.
शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने कहा कि आज हम स्वतंत्र हैं. हमारे पूर्वजों ने बगैर किसी लोभ के आजादी की लड़ाई लड़ा था. आज धरती माता प्लास्टिक थर्मोकोल बंजर हो रहीं हैं. हमें अपनी धरती को बचाने के लिये आन्दोलन करना है.
कवि डाॅ0 फतेहचन्द बेचैन ने पढ़ा “आन बान पर मर मिटना बलिया की परिपाटी है.
सद्भाव प्रेम कायम रखना प्रिय भोजन चोखा बाटी है.
बाबा भृगु धाम यहाँ पर है बाबा बालेश्वर मंदिर है.
खोजे न मिलेगा कुछ नकली बलिया की माटी खाँटी है.”
अगस्त क्रांति उत्सव के इस जुलुस में डॉ बद्रीनारायण गुप्त, पूर्व नपाध्यक्ष लक्ष्मण गुप्ता, परवेज रोशन, डाॅ0 संतोष गुप्ता , सेनानी उत्तराधिकारी योगेन्द्र प्रसाद गुप्ता, पारसनाथ वर्मा, डॉ राजकुमार गुप्ता, डाॅ0 दिनेश यादव, अरुण त्रिपाठी, शिवमंदिर शर्मा, विजय बहादुर सिंह आदि सैकड़ों लोग शामिल रहे.