फर्जी एसडीएम बन कर जालसाजी में लिप्त युवक चढ़ा पुलिस के हत्थे

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एसडीएम बांसडीह व सदर बन कर जमाता था हैकड़ी

44 हजार नकद व तीन मोबाइल व घड़ी बरामद

चौकी इंचार्ज व एसएचओ से भी एसडीएम बन दिया था निर्देश

प्रधान गंगापुर के यहां आता था अक्सर

सुरेमनपुर(बलिया)। पुलिस चौकी सुरेमनपुर पर रविवार को इलाके में एसडीएम बन कर फोन करके हड़काने तथा ग्रामपंचायतों में जांच करने के नाम पर घूमने वाले फर्जी एसडीएम सुरेमनपुर पुलिस के हत्थे चढ़े. यह कुछ लोगों से धन उगाही किए हैं जिसकी जांच पुलिस कर रही है. यह एसएचओ बैरिया, चौकी इंचार्ज बैरिया व सुरेमनपुर को फोन करके दो तीन बार आदेश भी दे चुके थे. कहीं अपने आपको बांसडीह एसडीएम तो कहीं सदर एसडीएम बता कर फोन करते थे. आज यह सुरेमनपुर पुलिस चौकी पर ही पहुंच गए थे. कुछ सप्ताह पूर्व यह गंगापुर ग्राम पंचायत में प्रधान के यहां पहुंच कर तहसील समाधान दिवस के मामले की जांच करने आने की बात बताए थे, तथा सड़क बनाने का प्रधान को निर्देश भी दिए थे. गंगापुर के प्रधान प्रतिनिधि दीन दयाल इन्हे अपने साथ इलाहाबाद पढाई करने व सहपठी होने की बात सुरेमनपुर चौकी इंचार्ज से कह कर किसी काम के लिए दबाव भी बनाए थे. पकड़ गए फर्जी एसडीएम के पास से 44 हजार रूपए नकद, तीन मोबाइल व एक घड़ी तथा उनका आधार कार्ड बरामद हुआ है. जिसके अनुसार इनका नाम सुनील कुमार मिश्र पुत्र विश्वम्भर मिश्र थाना झूंसी जिला इलाहाबाद की तात्कालिक पुष्टि हुई है.
चौकी में इंचार्ज सुरेमनपुर पुष्पेन्द्र दीक्षित ने बताया कि यह एक माह से इलाके में सक्रिय थे. हमारे, चौकी इंचार्ज बैरिया व एसएचओ के भी फोन पर यह कई बार बात किए और कड़ाई से आदेश निर्देश दे चुके है. आज भी यह चौकी इंचार्ज बैरिया वीरेन्द्र दुबे जो छुट्टी पर थे को फोन किए थे सुरेमनपुर में किसी मामले में जांच में आने की.

हम लोगों को इन पर संदेह था. सो इन्हे अपने घेरे मे लेने के बाद हम लोगों ने एसडीएम बांसडीह व सदर से भी बात की. चौकी इंचार्ज सुरेमनपुर ने बताया कि इनकी शिकायत सुरेमनपुर स्टेशन मास्टर ने भी की थी. एक बार इन्ही को अपना सहपाठी बताकर गंगापुर प्रधान प्रतिनिधि दीनदयाल भी हम पर काम के लिए दबाव बनाए थे. जिसकी जानकारी अपने एसएचओ को देकर मै ने आशंका जताई थी. तब से अपने सहयोगियों के साथ इनके सच को जानने के फिराक में था. आज हत्थे चढ गए. अभी हम इन्हे थाने ले जाकर आवश्यक कार्यवाही करेंगे.

उधर सुरेमनपुर गांव निवासी कृष्णकांत तिवारी ने बताया कि यह लगभग एक माह से हमारे गांव में प्रधान के दरवाजे पर आते थे. गांव में सड़क आदि बनाने का सर्वे भी किए है. वहीं यह कई अन्य लोगों को बुलाकर उनसे मिलते जुलते भी थे. वहां इनका खूब आवाभगत होता था. समाचार भेजे जाने तक पुलिस इस मामले में अभी छान बीन कर रही है. पुलिस सूत्रों की माने तो इन पर झूंसी (इलाहाबाद) व हलधरपुर(मऊ) में भी मुकदमों की सूचना मिल रही है. जहां यह अधिकारी बन कर जालसाजी कर चुके है.