सरकार चाहती है कि प्रबन्धकीय विद्यालय बन्द हो जायं, हिफाजत के लिए संघर्ष ही बचा रास्ता

आयोग द्वारा भेजे गए शिक्षक व प्रधानाचार्य नहीं रखते विद्यालयों से आत्मीय लगाव

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रही छात्रों की संख्या, घटते जा रहे शिक्षक

पूर्व की भांति प्रबन्धन को नियुक्ति के अधिकार के लिए संघर्ष का ऐलान


बैरिया(बलिया)। स्थानीय बाबा लक्ष्मण दास द्वाबा राष्ट्रीय राष्ट्रीय इण्टर कालेज में शनिवार को जनपद के माध्यमिक कालेजों के प्रबन्धकों की बैठक हुई. बैठक में आए प्रबन्धकों ने दिनों दिन कालेजों में बढती जा रही दुर्व्यवस्था, शिक्षकों की कमी, सरकार की उदासीनता से उपजे समस्याओं और उसके समाधान के विकल्पों पर गहन विचार विमर्श किया गया. प्रबन्धकों का कहना था कि अपना त्याग करके हमारे लोगों ने शिक्षा का अलख जगाने के लिए विद्यालयों की स्थापना की. चुन चुन कर विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को जोड़ा. शिक्षा के क्षेत्र में हमारे विद्यालयों ने ख्याति अर्जित की. अब सरकार हम प्रबन्धकों से शिक्षकों की नियुक्ति के अधिकार पर लगाम लगा दिया है. जिससे दो समस्या आ गई. एक तो विद्यालयों मे लगातार रिटायर हो रहे शिक्षकों के स्थान पर नए शिक्षक नही आ रहे है तो छात्र अधिक व शिक्षक नदारद वाली स्थिति बन गई है. उदाहरण बैरिया इण्टर कालेज को देखा जा सकता है. यहां आठ शिक्षक हैं और 4800 छात्र हैं. कमोबेश यही हालात हर जगह है.

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दूसरी समस्या बताई कि सरकार द्वारा भेजे जाने वाले शिक्षक या प्रधानाध्यापक विद्यालय वहां के छात्रों व वहां की व्यवस्था से वह आत्मीयता नहीं रखते जो प्रबन्धकों द्वारा चयनित शिक्षक व प्रधानाचार्य के होते थे। बैठक में विद्यालयों के बिल्डिंग, कुर्सी मेज व आवश्यक सामानों के लिए सरकार की दुर्व्यवस्था की भी बात रखते हुए संगठित होकर संघर्ष की हुंकार भरी गई.

गांवो मे शिक्षा व संस्कार के लिए पूर्वजो के खून पसीने से निर्मित विद्यालयों को मिटाने की सरकार की साजिश कामयाब नही होगी. उक्त बाते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक व प्रबन्धक डा भोला पाण्डेय ने कही.
डा. पाण्डेय ने कहा कि सरकार दिनों दिन प्रबन्धकों से उनका अधिकार छीन रही है. इसी कारण प्रबन्धन के विद्यालय अस्वस्थ हो गये है. प्रबन्धक अगर एकजुट होकर आवाज बुलन्द नही किया तो हमारे पूर्वजो का इतिहास मिट जायेगा. उन्होने अपने विद्यालय को सन्त धरोहर बताते हुए उसकी रक्षा करने का दावा किया. उन्होने चौपट हो रही शिक्षा व्यवस्था पर चिन्ता व्यक्त किया और बताया कि प्रबन्धकों द्वारा नियुक्त शिक्षक को विद्यालय परिवार से ममता होती है आयोग से नियुक्त शिक्षको मे ममता का अभाव होता है. प्रबन्धक संघ के जिलाध्यक्ष संजय सिंह मुन्ना ने कहा कि प्रबन्धको को अब जागना होगा और सरकार से अपना हक लेकर ही दम लेना है. सभा मे जिले के 91 प्रबन्धको से शिरकत किया. द्वाबा और बागी बलिया से अलख जगा कर सरकार पर दबाव बनाने का संकल्प लिया. बताया कि सरकार बनाना और बिगाड़ना प्रबन्धक ठान ले तो उनके हाथ मे है. बैठक मे प्रबन्धक दिनेश चन्द सिंह, दीपक सिंह, देवी सिंह, विनोद सिंह, गौतम तिवारी, उमाशंकर सिंह, अशोक पाठक, कमलेश सिंह, जितेन्द्र बहादुर सिंह, अवध बिहारी चौबे, चन्द्रशेखर उपाध्याय, एसके मिश्र, गौतम तिवारी, सतीश सिंह आदि प्रबन्धकों ने अपनी-अपनी बात रखी. मौजूद रहे. अध्यक्षता संजय सिंह व सचांलन नरेन्द्र कुमार ने किया.