विपणन कार्यालय, सेंट्रल वेयरहाउस व मण्डी में अचानक धमके डीएम

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बलिया। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने बुधवार को रामलीला मैदान के पास स्थित विपणन कार्यालय पर औचक छापेमारी की. साथ ही सेंट्रल वेयरहाउस व मंडी में बने क्रय केंद्र का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण में कोई खास कमी तो नहीं मिली, लेकिन जिलाधिकारी ने डिप्टी आरएमओ व अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों को अगर कोई असुविधा हुई तो दोषी बख्शे नहीं जाएंगे.
जिलाधिकारी अचानक जब विपणन कार्यालय पहुंचे तो वहां न तो डिप्टी आरएमओ मिले और न ही कार्यालय से सभी कर्मचारी. मात्र तीन कर्मचारी आराम फरमाते मिले. जिलाधिकारी ने सभी से सघन पूछताछ की. कार्यालय में मौजूद एक बाहरी व्यक्ति से जिलाधिकारी ने पूछताछ की तो वह खुद को एक किसान बताया. उसके पास पांच खतौनियां मिलीं. जिलाधिकारी ने कार्यालय की भी गहन जांच कराई, लेकिन कहीं कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिली. उन्होंने मौके पर मौजूद तीन कर्मियों से पूछताछ की.

एफसीआई मैनेजर को फटकार, कार्यप्रणाली में सुधार लाने की चेतावनी

सेंट्रल वेयरहाउस पर पहुंचे जिलाधिकारी ने वहां की व्यवस्था को पारदर्शी तरीके से संचालित करने की चेतावनी वेयरहाउस के प्रबंधक को दी. उन्होंने कहा कि क्रय केंद्रों पर ज्यादा खरीद हो जाने से भण्डारण में कहीं-कहीं दिक्कतें आ रही है. इसमें सहयोग करें. मजदूरों का निर्धारित मजदूरी पता नहीं होने व गोलमटोल जवाब देने पर एफसीआई मैनेजर को फटकार लगाई. चेताया कि एफसीआई की कार्यप्रणाली में सुधार लाएं. खाद्यान्न के बोरे की उतराई-चढ़ाई का निर्धारित मजदूरी से सम्बन्धित फ्लैक्स बोर्ड लगवाने का निर्देश दिया. मजदूरी से सम्बन्धित समस्या पर जिलाधिकारी ने कहा कि उतराई-चढ़ाई में मजदूरी को लेकर ठेकेदार मनमानी करते हैं तो तत्काल उनकी जगह किसी और से काम लें.

क्रय केंद्र का किया निरीक्षण, मजदूरों का भुगतान समय से करने के दिए निर्देश

जिलाधिकारी ने मण्डी स्थित क्रय केंद्र का भी औचक निरीक्षण किया. उन्होंने गेहूं तौल कराने के साथ नमी मापने वाली मशीन को चलवाकर चेक किया. मौके पर मौजूद किसानों से बातचीत कर खरीद की पारदर्शिता को जांचा. इसी दौरान मजदूरों ने करीब दस दिन से मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत जिलाधिकारी से की. इस पर उन्होंने डिप्टी आरएमओ नरेंद्र तिवारी को निर्देश दिया कि दो दिन के अंदर मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ तो सम्बन्धित ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कराएं.

निरीक्षण के सैकड़ों गांठ बोरे रखे गये मिले. बताया गया कि बोरे की सात सौ गांठ आई थी जिसमें चार सौ गांठ बची है. प्रत्येक क्रय एजेंसी को बोरे उपलब्ध करा दिया गया है. इस पर जिलाधिकारी ने डिप्टी आरएमओ को चेताया कि अगर किसी भी क्रय एजेंसी ने बोरे की कमी से खरीद प्रभावित होने की शिकायत की तो उसके जिम्मेदार होंगे और कार्रवाई भी होगी.