सभी बीडीओ-एडीओ पंचायत को सुधार को डीएम ने दिए 14 दिन का अल्टीमेटम

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शौचालय निर्माण की धीमी प्रगति पर डीएम सख्त

बलिया। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने शौचालय निर्माण की धीमी रफ्तार को बढ़ाने के लिए हर स्तर से प्रयास करने का निर्देश सभी बीडीओ व एडीओ पंचायत को दिया है. शौचालय निर्माण में जिले की खराब प्रगति को सुधारने के लिए अगले 14 दिन का अल्टीमेटम दिया. उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि पात्रों को शौचालय का लाभ देने में किसी प्रकार की वसूली आदि की शिकायत मिली तो सीधे एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी. निर्माण के मानक व गुणवत्ता का भी विशेष ख्याल रखने को कहा है.
गुरुवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी सभी बीडीओ व एडीओ पंचायत को निर्देश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि जिले के प्रत्येक गांव को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) करना केंद्र व राज्य सरकार की प्राथमिकता है. बलिया को भी इस साल के अंत तक ओडीएफ करना है.

इसके लिए यहां 3 लाख 57 हजार शौचालय बनाए जाने का लक्ष्य है. यह तभी पूरा होगा जब हम प्रतिदिन दो हजार शौचालय बनाएंगे. लेकिन वर्तमान में शौचालय निर्माण की स्पीड बहुत धीमी है. इसी ‘रनरेट‘ को बढ़ाना है. इसको तेज करने के लिए सबसे पहले ब्लॉक स्तर से ग्राम विकास व पंचायत विभाग के अफसरों को आपस में बेहतर समन्वय बनाना होगा. खण्ड विकास अधिकारी को बेहतर नेतृत्व क्षमता दिखानी होगी.

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष जोर शौचालय निर्माण की गुणवत्ता पर भी है. हालांकि शौचालय निर्माण लाभार्थी को ही करवाना है, ग्राम स्तर के कर्मियों को मॉडल, मानक व गुणवत्ता पर नजर रखनी है. उन्होंने कहा कि कहीं भी ऐसा न हो कि शौचालय निर्माण के बाद धनराशि भेजने में देरी हो रही हो. निर्माण के हिसाब से लाभार्थियों को तत्काल पहली व दूसरी किस्त भेज दी जाए. तभी अन्य आसपास के लोग भी शौचालय निर्माण के प्रति प्रेरित होंगे.
एडीओ पंचायतों के साथ रोज होगी समीक्षा

जिलाधिकारी ने कहा कि शौचालय निर्माण के लक्ष्य को ब्लॉकवार बांटा जाएगा. फिर इसकी प्रतिदिन समीक्षा होगी. ऐसे में विकासखंडों से प्रतिदिन एडीओ पंचायत को जनपद मुख्यालय पर आना होगा. जिलाधिकारी ने कहा कि रोज जिले पर तलब होने से निजात पाना चाहते हैं तो शौचालय निर्माण की स्पीड बढ़ाएं. जिनके ब्लॉक में निर्माण की प्रगति तेज होगी, उनको रोज शाम को होने वाली बैठक में नहीं बुलाया जाएगा. वहीं खराब प्रगति वालों की क्लास लगेगी. साथ ही निर्माण की धीमी रफ्तार के कारणों की समीक्षा होगी. किसी भी हालत में शौचालय निर्माण का ‘रनरेट‘ बढ़ाना जिलाधिकारी की प्राथमिकता है.
सफाईकर्मी भी हों स्वच्छाग्राही की भूमिका में

जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छाग्राही की भूमिका में सफाई कर्मियों को लाया जाए. ये स्वच्छाग्राही अपने गांव के लाभार्थी, निर्माण सामग्री विक्रेता व पंचायत सचिव बीच समन्वय बनाकर शौचालय निर्माण में तेजी लाने का प्रयास करेंगे. सभी बीडीओ, एडीओ पंचायत से कहा कि स्वच्छग्राहियों को अपने हैंड्स के रूप में विकसित करें. स्वच्छाग्राहियों को प्रोत्साहन राशि के बाद प्रतिदिन एक लीटर पेट्रोल व छह महीने तक का मोबाइल खर्च का भुगतान भी कर दें. इन सभी स्वच्छता ग्राहियों की सूची भी मांगी, ताकि जिले स्तर से भी इनसे पूछकर रैंडम मॉनिटरिंग की जा सके.
निर्माण के बाद जरूर लिखवाएं इज्जत घर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मिले निर्देशों की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि शौचालय निर्माण होने के बाद उस की दीवाल पर लाल स्याही से बड़े अक्षरों में इज्जत घर लिखवाया जाए. ग्राम पंचायत में शौचालय की जगह इज्जत घर शब्द का ही ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो तो बेहतर होगा. उन्होंने यह भी कहा कि विकास खंड कार्यालय व सार्वजनिक स्थलों पर दीवाल पर पेंट करा कर शौचालय निर्माण के मॉडल व मानक के बारे में जानकारी दी जाए.