युवा एवं किसान चेतना पदयात्रा के युवाओं ने उठाए ज्वलन्त मुद्दे

नेता का बेटा नेता अधिकारी का बेटा अधिकारी बनना चाहता है. लेकिन किसान अपने बेटे को क्यों नही बनाना चाहता किसान-विवेक

दुबहड़(बलिया)। नेता का बेटा नेता और अधिकारी का बेटा अधिकारी तो बनना चाहता है, लेकिन किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहता? ऐसी स्थिति आज के राजनेताओं ने किसानों की कर दी है. जिससे वह अपने बेटे को किसान बनाने से डरता है. उक्त बातें जयप्रकाश नगर से पदयात्रा करते हुए भारतीय युवा एवं किसान चेतना पदयात्रा के नेतृत्व कर रहे विवेक सिंह ने शहीद मंगल पाण्डेय के पैतृक गांव नगवां में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद कही.

उन्होंने कहा कि सीमा पर जवान और देश में किसान का सम्मान नहीं किया गया तो देश का भविष्य कहां जाएगा. यह कोई कह नहीं सकता है. उन्होंने शहीदों के परिवारों को नौकरी देने के साथ ही उनके भरण-पोषण के समुचित व्यवस्था करने की मांग की. साथ ही अपने खून से खेतों की सिंचाई कर रहे किसानों को उनके फसल के उचित मूल्य के साथ ही उन्हें और सुविधाएं देनी होगी, जिससे उनका झुकाव खेती के तरफ हो सके. कहा कि प्राकृतिक नुकसान से टूट रहे किसानों को समय से सरकारी सहायता दी जाय, ताकि वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें. उन्होंने कहा कि आलम यह है कि किसान दिन-ब-दिन कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है. ऐसे में अगर किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल नष्ट हो जाती है तो किसान के पास आत्महत्या के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचता. इसे ज़िम्मेदार लोगो को ही रोकना होगा. उन्होंने अन्नदाता के जीवन सुधारने के लिए, युवाओं के रोजगार के लिए ठोस कदम उठाने के साथ ही अनिवार्य रूप से पहल करने की मांग की.

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

नगवा में उनकी पद यात्रा का स्वागत विशाल प्रताप सिंह, मंगलेश सिंह, नीरज प्रताप सिंह, साहिल प्रताप सिंह, अमन तिवारी, अभिषेक गिरी, अनिकेत, प्रमोद यादव, आनंद पाण्डेय, मिथिलेश सिंह, लकी सिंह, रविकांत सिंह, राजेश, बबन, टिंकू, मोनो, बद्रीनाथ आदि लोग उपस्थित थे.

Click Here To Open/Close