अब ऐप के माध्यम से अभिभावक घर बैठे अपने बच्चों पर रख सकते है नज़र

अभिभावकों के लिए लांच किया जैपुरिया नाउ ऐप
बलिया। आपके लाडले विद्यालय में सुरक्षित हैं या परेशानी में ये अभिभावक घर बैठे देख सकते है. इसके लिए सेठ जैपुरिया स्कूल बनरहीं के डायरेक्टर नवीन राय और प्रिंसिपल अनामिका मिश्रा दुबे ने सिटी ब्रांच पर अभिभावकों के लिए “जैपुरिया नाउ ऐप” लांच किया.

इस ऐप के बारे में जानकारी देते हुए प्रिंसिपल ने बताया कि इसके माध्यम से अभिभावक घर बैठे अपने बच्चों पर नजर रख सकते है. अगर विद्यालय से किस अभिभावक के परिचित या अपरिचित बच्चें को ले जाना चाहता है तो, अभिभावक के मोबाइल पर एक ओटीपी पासवर्ड जाएगा. जब वह पासवर्ड ले जाने वाले व्यक्ति द्वारा विद्यालय के गेट पर दिया जाएगा तब उनका बच्चा उनके हवाले किया जाएगा. जैपुरिया नाउ ऐप के माध्यम से अभिभावक घर बैठे शिक्षकों से बात कर सकते हैं. वहीं होमवर्क और प्रगति रिपोर्ट भी देख सकते है.

स्कूल से लेकर घर तक और घर से लेकर स्कूल तक बच्चों की पूरी जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन की होगी. यहां तक कि बस में बैठे बच्चे पर भी अभिभावक नजर रख सकते है. बस स्टाप पर उतरते ही आप के मोबाइल पर उतरने की जानकारी मिल जाएगी. अगर अभिभावक देश के किसी भी कोने में हो तो वहीं से फीस जमा कर सकते है. इस परिवेश में पढ़ाई के साथ साथ सेठ जैपुरिया आपके लाडले की सुरक्षा का भी ख्याल रखेगा. प्रिंसिपल ने बताया कि जयपुरिया अपनी गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, और जयपुरिया स्कूल बलिया अपनी उस प्रथा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रिंसिपल ने बताया कि पिछले 6 वर्षों में जयपुरिया ने देश के छोटे छोटे शहरों से 1000 से भी ज्यादा हुनरमंदों को निखार कर राष्ट्रीय पटल पर लाने का काम किया है. हम बच्चों के सम्पूर्ण विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे और अपने पाठ्यक्रम में 40 से ज्यादा क्रिया कलापों को लागू करने जा रहे हैं.

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विद्यालय के डायरेक्टर नवीन राय ने बताया कि जयपुरिया स्कूल बलिया प्रिंसिपल श्रीमती अनामिका मिश्रा दुबे दो दशकों से शिक्षा जगत से जुड़ी है, और 14 वर्षों से देश के विभिन्न नामी संस्थानों के प्रिंसिपल के पद पर आसीन रही है. अभिभावकों को राहत देने और अपने संस्थान में पारदर्शिता लाना हमारा पहला लक्ष्य है. अब अभिभावकों को प्रवेश के नाम पर हर वर्ष ली जाने वाली फीस पर रोक लगाते हुए यह विद्यालय सिर्फ एक बार ही प्रवेश फीस लेगा. वहीं हर वर्ष किताबें नही बदलेगी. जिससे अभिभावकों पर बोझ पड़े. ऐप लांचिंग के दौरान जैपुरिया नाउ ऐप के मैनेजर सुमित ने एप्प से जुड़ी और जानकारी दी.