भगवती प्रसाद द्विवेदी ‘बलिया गौरव’ व प्रो पृथ्वीराज सिंह ‘महर्षि भृगु सम्मान’ से सम्मानित

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भोजपुरी के क्षेत्र में काम कर रही संस्था ‘आखर’ तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान ‘पहल’ ने किया विशेष सम्मान समारोह का आयोजन

बलिया। भोजपुरी के क्षेत्र में काम कर रही संस्था ‘आखर’ तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान ‘पहल’ की ओर से नगर के तीखमपुर स्थित नयन स्नेह पैलेस में विशेष समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें जनपद के दल छपरा निवासी साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी को ‘बलिया गौरव’ तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर पृथ्वीराज सिंह (छपरा) को ‘महर्षि भृगु सम्मान’ से सम्मानित किया गया.

भगवती प्रसाद द्विवेदी को प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से बाल साहित्य भारती सम्मान से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बसंत पंचमी के दिन सम्मानित किया था.

कार्यक्रम का शुभारंभ त्रिभुवन प्रसाद सिंह ‘प्रीतम’ विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर पृथ्वीराज सिंह, प्रोफेसर रामबदन राय गाजीपुर व कृष्ण मोहन ‘तकदीर” ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

दयालु बाबा इंटर कॉलेज की छात्रा मनीषा यादव, प्रियंका गोंड, काजल वर्मा, नेहा वर्मा, अंकिता चौबे, एकता सिंह ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया.

अपने संबोधन में मुख्य अतिथि भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि जन्म स्थान में जो अभिनंदन मिलता है, उसके सामने दुनिया का बड़ा से बड़ा सम्मान छोटा पड़ जाता है. उन्होंने कहा कि देश में हिंदी राष्ट्रभाषा भले ही है, लेकिन हमारी मातृभाषा भोजपुरी ही है. डॉ राजेंद्र भारती ने कहा कि आगे भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे. बृजेंद्र मिश्र ने अपील की कि हम बाहर बाहर चाहे जो भाषा बोल लें, लेकिन घर में भोजपुरी का ही प्रयोग करें. पंडित गोविंद ने कहा कि जब तक हमारे हृदय में भोजपुरी बोली के प्रति सम्मान नहीं होगा, इसकी मान्यता के लिए दबाव नहीं बन पाएगा. त्रिभुवन प्रताप सिंह ‘प्रीतम’ ने कहा कि जिले में हिंदी भोजपुरी की सेवा साधना करने वाले प्रतिभावान साहित्यकारों का सम्मान अवश्य होना चाहिए.

गोष्ठी को शत्रुघ्न पाण्डेय, शिवजी पाण्डेय ‘रसराज” डॉ भोला प्रसाद, कन्हैया पाण्डेय ने संबोधित किया. अमरेंद्र पांडेय ‘बुलेट’ ने ‘आखर’ के द्वारा भोजपुरी के विकास में किए गए योगदान को रेखांकित किया.

कार्यक्रम संयोजक मोहन श्रीवास्तव ने आखर के सदस्य संजय के साथ ही नगर के अन्य साहित्यकारों तथा आयोजकों के प्रति आभार जताया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मुकेश श्रीवास्तव, सुमित सिंह, शैलेंद्र मिश्र, आनंद भोजपुरिया, अरविन्द तिवारी, योगेंद्र पाण्डेय, रंगकर्मी विवेकानंद सिंह का सराहनीय सहयोग रहा.

कई पुस्तकों का हुआ लोकार्पण
अभिनंदन व स्वागत कार्यक्रम में लेखक रामबदन राय की तीन पुस्तकें परात, फाल्गुन भर, हमसे मत बोल, द्वार पर खड़ा अभिशाप, तथा बद्रीनारायण तिवारी सांडिल्य का दोहन से दोहा बने, डॉक्टर शत्रुघ्न पांडे की संत परंपरा तथा आखर द्वारा प्रकाशित कैलेंडर का लोकार्पण हुआ. समारोह के दूसरे चरण में कवि गोष्ठी हुई. इसका शुभारंभ शिव जी पांडे रसराज के सरस्वती वंदना से हुआ. इसी क्रम में राधिका तिवारी, गोवर्धन भोजपुरी, आशुतोष सिंह, बीएन शर्मा मृदुल, डॉ जनार्दन चतुर्वेदी, डॉ भोला प्रसाद आग्नेय, डा शत्रुघ्न पांडेय, कन्हैया पांडे, अशोक आदि थे.                

प्रस्तुति- कुणाल मिश्र