जिला अस्पताल गये मंत्री, घायल अरविन्द राजभर से मिले


बलिया।
रतसर में विगत 10 अक्टूबर को साईकिल-बाईक की टक्कर में घायल अरविंद राजभर को देखने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्रतिवारी जिला अस्पताल पहुंचे. उन्होंने घायल का हालचाल लेने के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी व अन्य अस्पताल स्टाॅफ को निर्देश दिया कि इलाज में पूरी तत्परता बरतें. इसके साथ ही अस्पताल की व्यवस्था को भी बेहतर बनाये रखने का निर्देश दिया. इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष विनोदशंकर दूबे भी साथ थे.
सबके साथ होगा न्याय: मंत्री उपेंद्र तिवारी

जिला अस्पताल में घायल अरविन्द राजभर को देखने के बाद मंत्री उपेंद्र तिवारी सीधे रतसर जाकर दोनो पक्षों के लोगों से मिले. इसके बाद आगजनी में पीड़ित मुस्लिम परिवार से भी मिले. उन्होंने कहा कि घटना अत्यंत ही निन्दनीय है. इसमें जो भी दोषी होंगे, बख्शे नही जाएंगे. यह भी आश्वस्त किया कि किसी निर्दोष पर कोई कार्रवाई नही होगी. किसी के साथ अन्याय नही होगा. पीड़ितों का जो नुकसान हुआ है, उनकी क्षति का आकलन करके राहत दिलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि घटना की बकायदा जांच हो रही है. जांच के बाद दोषी सामने आजाएंगे और उन पर सख्त कार्रवाई निश्चित है. राज्यमंत्री ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व एसडीएम-सीओ को भी जरूरी दिशा निर्देश दिये.

जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने किया रतसर कस्बे का भ्रमण

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रतसर कस्बे का माहौल पूरी तरह शांत हो गया है. लेकिन एहतियात के तौर पर जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम व पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार लगातार कस्बे में भ्रमण कर शांति व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं. गुरूवार की मध्य रात्रि को भी अधिकारी द्वय ने कस्बे का भ्रमण कर जवानों की ड्यटी का निरीक्षण किया.

शुक्रवार को भी डीएम-एसपी पूरे कस्बे का भ्रमण किया. इस दौरान कस्बे में दुकानें खुली हुई थी और लोग खरीददारी भी कर रहे थे. लेकिन कुछ दुकानें अभी भी बंद होने का कारण जाना. दुकानदारों को बुलाकर समझाया. कहा कि पूरी तरह मन से डर निकालकर दुकान खोलें. उन्होंने एसडीएम निखिल टीकाराम फुंडे व सीओ को भी जरूरी दिशा निर्देश दिये.

One Reply to “जिला अस्पताल गये मंत्री, घायल अरविन्द राजभर से मिले”

  1. सारा दोस तो गड़वार थाना इन्चार्ज का है जब घटना हुइ पीड़ीत पक्ष रात को ही थाने आया था प्राथमिकी दर्ज कराने लेकिन दर्ज नहीं हुई सुबह भी आया था लेकिन थानाइंचार्ज उनको भगा दिया जीसके बाद बवाल इतना बढ़ गया और बड़े अधीकारी डर रहे क्युकी दरोगा को राजनीतीक संरक्षण प्राप्त है इसलिए अपनी मनमानी कर रहा है जिसके ऊपर झूठा केस लगा दे जिसको जेल भेज दो दोषियों को बचा ले यही इसका काम है

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