डीएम ने कसी मातहतों की नकेल

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न्यायिक प्रक्रिया के अनुपालन के संबंध में जिलाधिकारी ने दिये कड़े निर्देश

बलिया। जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने न्यायालयों में लम्बित वादों के निस्तारण में विलम्ब व न्यायिक प्रक्रिया का सही ढ़ंग से अनुपालन नही होने पर कड़ा रूख अख्तियार किया है. उन्होंने राजस्व व चकबंदी न्यायालय से जुड़े अधिकारियों को वादों के निस्तारण, अभिलेखों का रख-रखाव, न्यायिक नियमों का कड़ाई से अनुपालन के लिए जरूरी निर्देश दिये हैं. लापरवाही बरतने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी है.
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि राजस्व वादों के निस्तारण में भू-राजस्व अधिनियम 1901 या राजस्व संहिता 2006 या राजस्व न्यायालय द्वारा निर्धारित नियमों एवं प्रक्रियाओं को गम्भीरता से अनुपालन कराया जाए. सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायिक सिद्धांतों का पूर्णतः अनुपालन हो. दोनों पक्षों को समुचित सुनवाई का अवसर दिया जाए. बार-बार अवसर देने के बाद कोई पक्ष उपस्थित नहीं होता है तो कारणों या दिये अवसरों का हवाला देते हुए एक पक्षीय निस्तारण कर दिया जाए. इसके बाद भी पुनस्र्थापन प्रार्थना पत्र आए तो सुनवाई व आपत्ति का पूरा अवसर देने के बाद दोनों पक्षों को सुन निस्तारण हो.
न्यायिक कार्याें में दीवानी प्रक्रिया व भारतीय साक्ष्य अधिनियम का भी अक्षरशः अनुपालन किया जाए. ध्यान रहे कि अंतिम आदेश में सम्बंधित पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों का भी उल्लेख किया जाए. सीमांकन, अविवादित दाखिल खारिज, कब्जा परिवर्तन, लिपिकीय त्रुटि को सही करने में, सम्बन्धित कानूनगो/लेखपालों को उत्तरदायित्व देकर शीघ्र निस्तारण कराएं. सीमांकन के मामले में यदि विवादित मामला हो तो लेखपाल, कानूनगों की टीम के साथ पुलिस बल लेकर न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराया जाए.

सार्वजनिक भूमि से जुड़े निर्णय का कड़ाई से अनुपालन हो

  • जिलाधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक भूमि, तालाब, पोखरा, नाला, मार्ग, भीटा, जंगल, वन भूमि आदि पर न्यायिक आदेश का कड़ाई से अनुपालन हो. तहसील दिवस व थाना दिवस के प्रार्थना पत्रों में यह देख लें कि न्यायिक स्थितियों का भी स्पष्ट उल्लेख हो.
  • अवैध कब्जा हटाने संबंधी वादों में खानापूर्ति मात्र न की जाए, बल्कि पूरी निष्ठा के साथ कड़ाई से हटवाया जाए. समस्त न्यायिक अभिलेखों, रजिस्टर पर बकायदा हस्ताक्षर मुहर हो. अभिलेखाकार में दाखिल किये जाने वाले अभिलेखों को सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी का हस्ताक्षर से दाखिल कराया जाए. कानूनगो व लेखपाल के पास विधिवत डायरी मेंटेन की जाए तथा लेखपाल के पास मौजूद खसरा खतौनी अभिलेख पर तहसीलदार से प्रमाणित हो. अभिलेखों के साथ किसी प्रकार को छेड़छाड़ कोई नही करने पाए. तहसील में भी किसी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए

अभिलेखों का बेहतर रख-रखाव सबकी जिम्मेदारी

जिलाधिकारी ने राजस्व व चकबंदी से जुड़े न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि अभिलेखों का बेहतर तरीके से रख-रखाव होना चाहिए. इसके लिए लेखपाल, कानूनगो, रजिस्ट्रार कानूनगो के साथ तहसीलदार से लेकर उपजिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी तक जिम्मेदार होंगे.विभागीय कार्य में बाहरी व्यक्तियों का सहयोग नही लिया जाए: जिलाधिकारी

  • कई महत्वपूर्ण विभागों के कार्य में बाहरी व्यक्तियों के सहयोग पर जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने कड़ी आपत्ति जताई है. इस संबंध में सम्बन्धित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये है.
  • जिलाधिकारी ने समस्त जिला स्तरीय, तहसील स्तरीय, ब्लाॅक स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि डिजिटल पेमेंट के लिए तथा सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए दिये पासवर्ड को तत्काल बदल लें और स्वयं उपयोग करें. किसी भी हाल में इसका दुरूपयोग नहीं होना चाहिए. किसी प्रकार का कार्य दायित्व अपने अधीनस्थ कर्मी को ही दें. किसी भी बाहरी व्यक्ति का सहयोग न लिया जाए और न ही कार्यालय में बैठाया जाए. आकस्मिक निरीक्षण में ऐसा मिला तो बख्शे नहीं जाएंगे.
  • सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके कार्यालय के सभी अभिलेख व अन्य सामग्री व्यवस्थित हो. पत्रावलियों में विधिवत विषयवस्तु व नम्बरिंग हो. कार्यालय की मुहर अधिकारी या कर्मचारी की व्यक्गित अभिरक्षा में हो. मुहर के दुरूपयोग पर सम्बन्धित अधिकारी जिम्मेदार होंगे. आहरण वितरण अधिकारी का बैंक या कोषागार में हस्ताक्षर ऐसा हो कि कोई नकल नहीं करने पाये. बैंक से जारी पासबुक या जारी चेक का लेखा-जोखा रजिस्टर में अंकित हो. बैंक से सम्बंधित खाता को मोबाइल नम्बर से लिंक करा लें, ताकि उस पर नजर रख सकें. शासकीय धनराशि के दुरूपयोग व गलत आहरण पर सम्बन्धित अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

जिलाधिकारी ने की प्रेसवार्ता, कहा – बाढ़ पीड़ितों को राहत दिलाना पहली प्राथमिकता
बाढ़ की समस्या को कम करने व बाढ़ पीड़ितों को हरसम्भव राहत पहुंचाना, बंधे को दुरूस्त करना, समय से बाढ़ चौकियां व अन्य व्यवस्था प्रभावी बनाना पहली प्राथमिकता होगी. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक स्वच्छता के प्रति जागरूक कर स्वच्छ बलिया बनाया जाएगा. आम जनता को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी, फिलहाल जो संसाधन हैं, उसी में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा.

उक्त बातें जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में कही. गंगा व घाघरा में डूबे लोगों को खोजने में हो रही परेशानी के बाबत उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां महाजाल की स्थायी व्यवस्था का प्रयास होगा. दूबेछपरा रिंग बंधे का कार्य शुरू हो चुका है, जो पूरी गुणवत्ता के साथ होगा, अन्य बंधों की मजबूती पर भी जोर होगा, यह भी कहा कि न्यायिक निर्णयों के अनुपालन सुनिश्चित कराने के साथ लम्बे समय से पड़े वादों के निस्तारण में भी तेजी लाई जाएगी.

स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के संबंध में कहा कि जनपद में और डाॅक्टरों की तैनाती का प्रयास किया जाएगा. लेकिन फिलहाल जो संसाधन उपलब्ध है, उसी को बेहतर बनाया जाएगा. हर पीएचसी, सीएचसी पर साफ सफाई, प्रकाश व्यवस्था, बेहतर इलाज, समय से दवा उपलब्धता पर विशेष जोर होगा. एएनएम सेंटर, आशा बहु व आंगनबाड़ी जैसे ग्राम स्तर के कर्मियों को प्रोत्साहित करके बेहतर कार्य कराना है. जिलाधिकारी ने प्रेस प्रतिनिधियों से जनपद की व्यवस्था की बेहतरी से जुड़े सुझाव लिए. कहा नगर में नालों की सफाई व गांवों में हर सार्वजनिक जगहों के साथ सफाई व्यवस्था के कड़े निर्देश दिए गए हैं.