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बढ़ रही अशांति का मुख्य कारण प्रकृति के नियमों का उल्लंघन
सिकंदरपुर (बलिया)। जिस तेजी से नदी पहाड़ व जंगलों का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है उसे यदि रोका नहीं गया तो आने वाला समय काफी भयावह होगा. यह विचार है स्वामी ईश्वरदास ब्रह्मचारी का वह क्षेत्र के श्री बनखंडी नाथ मठ के प्रांगण में चल रहे अद्वैत शिव शक्ति महायज्ञ एवं सर्वधर्म सम्मेलन के तहत भक्तों के बीच प्रवचन कर रहे थे.
कहा कि मानव में बढ़ रही अशांति का मुख्य कारण प्रकृति के नियमों का उल्लंघन है. अशांति से छुटकारा तभी मिलेगा जब हम पर्यावरण को स्वच्छ रखें और प्रकृति के नियमों का पालन करें. इस मौके पर शिवकुमार कौशिकेय ने प्राकृतिक संसाधनों के अधिकाधिक दोहन पर चिंता व्यक्त किया. उन्होंने नदियों पहाड़ों व जंगलों को बचाने एवं अधिकाधिक पौधा रोपण पर बल दिया. जिससे की प्राकृतिक संतुलन बना रहे. मनोज चतुर्वेदी, अरविंद कश्यप, अमित कुमार, शिव कुमार, नवीन मिश्रा आदि मौजूद थे. संचालन ज्योतिष स्वरूप पांडेय ने किया.
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