शिक्षा प्रेरकों के मानदेय भुगतान एकमुुश्त कराने की मांग

बलिया। साक्षर भारत योजना के तहत जनपद के शिक्षा क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षा प्रेरकों का 24 माह का मानदेय बकाया है. इसको लेकर प्रेरक संगठन प्रधानमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बकाया मानदेय भुगतान की मांग करता रहा है, परंतु उ0प्र0 शासन ने अब तक इसे गंभीरता से नहीं लिया है. दो वर्ष से मानदेय बकाया होने पर प्रेरकों का परिवार भूखमरी के कगार पर है.

प्रेरक संगठन के नेता अजीत कुमार पाठक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रेरकों के समस्त बकाया मानदेय का भुगतान एक मुश्त करने की मांग की है. पाठक ने निदेशालय ‘साक्षरता‘ की लापरवाही की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि मार्च में होने वाली साक्षरता परीक्षा नहीं होने से हजारों नवसाक्षर साक्षरता प्रमाण-पत्र से वंचित हो गये है. साक्षरता निदेशक अवध नरेश शर्मा ने उ0प्र0 विधान सभा चुनाव का बहाना बनाते हुए 30 अप्रैल को साक्षरता परीक्षा कराने के लिए प्रदेश के 26 जनपदों में पत्र भेजा, परंतु फिर परीक्षा हेतु उत्तर-पुस्तिकायें निदेशालय नहीं छपवा सका और परीक्षा फिर स्थगित करनी पड़ी.

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पाठक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निदेशक अवध नरेश शर्मा को हटाकर योग्य निदेशक को नियुक्त कर प्रदेश के समस्त प्रेरकों के मानदेय भुगतान एकमुुश्त कराने की मांग की है. उन्होंने समस्त प्रेरकों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत नया मानदेय निर्धारित करने की मांग की है. योजना के प्रचार-प्रसार एवं कार्यालय प्रबंधन मद में भी धनराशि अवमुक्त कराने की मांग की है. उपरोक्त मांगों को लेकर शिक्षा क्षेत्र दुबहड़ के प्रेरकों की बैठक सोमवार को बीआरसी दुबहड़ परिसर पर हुई. बैठक में अख्तर अली, पूनम यादव, आशुतोष सिंह, वैभव प्रकाश, प्रशांत सिंह, अशोक पाण्डेय, अरविंद पाण्डेय, उर्मिला वर्मा, अंतिमा राय आदि मौजूद रहे.