रेवती(बलिया)। मनुष्य परिस्थितियों का दास होता है. परिस्थितियों के अनुसार मनुष्य की दिनचर्या बदलती रहती है. उक्त बातें नगर के उत्तर टोला स्थित नवनिर्मित दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय शिव -शक्ति प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के चौथे दिन मानस मर्मज्ञ बाल व्यास शक्तिपुत्र महाराज ने कही. कहा कि संकट काल में मनुष्य को भगवान का स्मरण होता है. परंतु अगर हम भगवान को हमेशा स्मरण करते रहें तो संकट आएगा ही नहीं.
शक्तिपुत्र ने शिव चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है. राजा दक्ष को भी अहंकार ले डूबा. अहंकार भगवान का ग्रास होता है. मनुष्य के अंदर असीम शक्तियों का वास होता है, परंतु आवश्यकता है कि भगवन नाम स्मरण करते हुए उन शक्तियों को मनुष्य जागृत करें. भजन गायक शशिकांत मिश्र एवं राजेश जी के भजनों पर श्रद्धालु देर रात्रि तक भक्ति सागर में डुबकी लगाते रहे. उधर पंडित सुनील शास्त्री के नेतृत्व में मां दुर्गा की प्रधान मूर्ति सहित डेढ़ दर्जन मूर्तियों का जलाधिवास किया गया. तदोपरांत मूर्तियों का अन्नाधिवास,फलाधिवास,मिष्ठानाधिवास आदि संस्कार होगा.
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