निर्मल मन जन सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा

सुखपुरा (बलिया)। सत्य, प्रेम, करुणा, दया व सहयोग की दैवी राह पर चलने से ही ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है. चालाकी, होशियारी, छल, कपट और बदले की राह पर दुख और दर्द ही मिलते हैं. यह बातें जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी मारुति  किंकर जी महाराज ने कही. वह संत यतिनाथ मंदिर परिसर में चल रहे पांच दिवसीय हनुमान जयंती समारोह के अंतिम दिन मंगलवार की रात प्रवचन कर रहे थे.

कहा कि आज  मैं और मेरा बहुत बड़ा हो गया है और यही बेड़ियां बन कर हमें माया जगत में बांध देती हैं. मैं और मेरा की वजह से ही सारे विकार  पैदा होते हैं. हम यह भूल जाते हैं कि जो भी मिला है. ईश्वर से ही मिला है. हमें उसका सदुपयोग करना सीखना होगा. तभी हम ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. प्रवचन के दौरान स्वामी जी ने लंका दहन से लेकर राम के राज्याभिषेक का मार्मिक वर्णन  के क्रम में हनुमान जी के कार्यों का विस्तार से व्याख्या कर भक्तों को भक्ति के सागर में डुबो दिया. संत यतिनाथ लोक सांस्कृतिक संस्थान के बैनर तले आयोजित इस समारोह में प्रवचन के पूर्व सेंट जेवियर्स स्कूल के प्रबंधक डॉ. अभिनव तिवारी ने व्यासपीठ और रामचरित मानस का पूजन-अर्चन वैदिक मंत्रोचार के साथ किया.

पूजन का कार्य आचार्य रामानंद पांडेय ने कराया. जबकि सहयोग गणेश प्रसाद गुप्ता, सर्वदेव सिंह, रमाशंकर यादव ने किया. इस मौके अरविंद गांधी, श्रीनिवास यादव, आनन्द सिंह पिन्टू, प्रधान सिंह, सत्य प्रकाश गुप्ता, भैया उमाशंकर, जनार्दन उपाध्याय, विमला गुप्ता, अशोक पटेल, पप्पू सिंह सोलंकी, ज्योति सिंह आदि मौजूद रहे. संचालन रमाशंकर यादव ने किया, जबकि संस्थान के अध्यक्ष हरेराम सिंह आभार व्यक्त किया.

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समारोह में आयोजन समिति ने समाज में विभिन्न कार्यों में अपना अहम योगदान देने वाले समाजसेवियों को माल्यार्पण के बाद अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मानित किया. सम्मानित होने वालों में डॉ. विनय कुमार सिंह, वीर बहादुर सिंह, पंकज कुमार सिंह, चेतन सिंह, राजीव रतन गुप्ता प्रमुख रूप से शामिल थे.