रजरप्पा मंदिर में सीआरपीएफ जवान ने अपना गला रेतकर दे दी बलि, पूजा बंद

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हजारीबाग। रामगढ़ स्थित रजरप्पा के मां छिन्नमस्तिके मंदिर परिसर में एक अजीबोगरीब आत्महत्या का मामला सामने आया है, जिससे सनसनी फैल गई है. हजारीबाग में तैनात बिहार के बक्सर के बलिहार गांव के एक सीआरपीएफ जवान ने, जिसका नाम संतोष नट बताया जा रहा है, उसने मंदिर में पूजा अर्चना के बाद अपने साथ लाए गए धारदार हथियार से अपना गला काटकर अपनी बलि चढ़ा दी.

प्रत्यक्षदर्शियों ने ने बताया कि इस व्यक्ति ने सुबह मंदिर में मां छिन्नमस्तिका की पूजा अर्चना की और उसके बाद माता की प्रतिमा के आगे खुद की बलि चढ़ा दी. इस घटना के बाद से मंदिर में ताला लगा दिया गया है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

बक्सर का रहने वाला है मृतक संजय नट

व्यक्ति की पहचान बक्सर बलिहार गांव (बिहार) निवासी संजय नट (45) के रूप में की गई. संजय नट सीआरपीएफ का जवान था और हज़ारीबाग़ में तैनात था. दो दिन पहले ही अपने गाव बलिहार में छुट्टी बीता ड्यूटी पर गया था. घर में पत्नी शारदा देवी व दो बेटे और दो बेटियां हैं. घटना की जानकारी मिलने से पूरा परिवार सदमे में है और पत्नी शारदा का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है.

माता की पूजा अर्चना कर परिक्रमा की, दे दी बलि

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संजय को सोमवार से ही मंदिर परिसर के आसपास देखा गया था. मंगलवार सुबह उसने मां छिन्नमस्तिका की पूजा की और फिर मंदिर की परिक्रमा करने लगा. इसी दौरान उसने खुद के साथ लाए कटारी से मंदिर के मुख्य द्वार के पास अपना गला रेत डाला.

इस घटना में मुंदिर का मुख्य द्वारा पर खून फैल पड़ा और संजय वहीं गिर गया और उसकी वहीं मौत हो गई. फौरन पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई और मंदिर के द्वार पर ताला लगा दिया गया.

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मौके पर पहुंची पुलिस ने संजय के पॉकेट की तलाशी ली तो कागज मिला. इससे उसकी पहचान हुई और कागज में मिले फोन नम्बर से उसके घरवालों को सूचना दी गई. उसके परिजनों के अनुसार, संजय की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक थी और वो खेती-किसानी का काम करता था.

पहले से ही बलि का मन बनाकर आया था

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि संजय पहले से ही बलि का मन बनाकर यहां आया था. उसने ठीक वैसी ही नई कटारी अपने साथ रखी थी, जैसी कि मां छिन्नमस्तिका की प्रतिमा में है.

उधर, घटना के बाद मंदिर में पूजा अर्चना पर रोक लगा दी गई है. मंदिर के महंत ने बताया कि अब शुद्धिकरण के बाद ही मंदिर में पूजा अर्चना शुरु हो सकेगी. दोपहर तक पूजा बंद रहेगी, इस दौरान विधिवत मंदिर का शुद्धिकरण किया जा रहा है.

पंचद्रव्य और पंचगव्य से किया गया मंदिर का शुद्धिकरण

मंदिर में हुई आत्महत्या की घटना के पश्चात मंदिर के पूजारियों के द्वारा मंदिर के शुद्धिकरण का कार्य किया गया. इस दौरान पूजारियों ने पंचगव्य , पंचद्रव्य व पांच नदियों के जल से मंदिर का शुद्धिकरण किया. मंदिर शुद्धिकरण के दौरान विशेष रूप से पूजा की गई. तत्पश्चात सुबह नौ बजे के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का पट खोला गया. जिसके बाद बाहर से आए श्रद्धालुओं को पूजा का मौका मिला.

आत्महत्या की पुलिस ने की पुष्टि

मौके पर मौजूद रजरप्पा थाना प्रभारी अतिन कुमार ने बताया कि प्रथम द्रष्टया यह मामला आत्माहत्या का लगा रहा है. हलांकि पूरी जानकारी पोस्टपार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही दी जा सकती है.

पुजारी ने भी कहा – आत्महत्या ही है

रजरप्पा छिन्नमस्तिके मंदिर के न्यास समिति के सचिव सह पुजारी शुभाशिष पंडा ने बताया कि यह मामला पूरी तरह से आत्हत्या का है. युवक ने यहां पहुंचकर पहले पूजा-अर्चना की. उसके बाद मां के समक्ष स्वयं अपना गला रेतकर आत्म हत्या कर ली.