बद्रीनाथ सिंह – लोकतंत्र संग्राम में भागीदारी ही बना टर्निगं प्वाइंट

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बांसडीह/रेवती/सहतवार (बलिया)। सहतवार के चेयरमैन रहे बद्रीनाथ सिंह की 15वीं पुण्य तिथि पर बद्री सिंह सेवा संस्थान द्वारा 19 जनवरी को आयोजित बड़े पोखरे पर कार्यक्रम मे 21 सुकन्याओं का वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ विवाह कराया जाएगा. इसकी जानकारी सेवा संस्थान के अध्यक्ष पंकज सिंह व कार्यक्रम के संयोजक नीरज सिंह “गुड्डू” ने दी है. इसमें वर कन्याओं को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए क्षेत्र के सम्भ्रान्त नागरिक भाग लेंगे.

स्कूली शिक्षा यूपी कॉलेज वाराणसी से, डिग्री इलाहाबाद से 

स्व. बद्रीनाथ सिंह का जन्म 10 मई 1938 को सहतवार नगर पंचायत के प्रतिष्ठित परिवार हीराजी सिह के तृतीय पुत्र के रूप में हुआ था. उनके धर्म पिता स्व. प्रभुजी सिंह थे. इन्ही के लालन पालन में पले बढ़े बद्रीनाथ सिंह हाई स्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा यूपी कॉलेज वाराणसी से पास की और स्नातक की परीक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पास किया. उनका विवाह 30 जून 1968 को स्वर्णप्रभा के साथ हुआ था.

इलाहाबाद में छात्र संघ अध्यक्ष के तौर पर शुरू किया राजनीतिक जीवन

उनका राजनीतिक जीवन 1967-68 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने जाने से शुरू हुआ. उन्हीं दिनों लोकबन्धु राजनारायण, छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र के सम्पर्क मे आए तथा समाजवादी आन्दोलन को नयी दिशा दिया. सन् 1974 मे लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभायी. आपातकाल में जेल में बन्द रहने के दौरान ही पूर्व प्रधानमन्त्री चन्द्रशेखर के सानिध्य मे आए. यह अटूट सम्बन्ध आजीवन बना रहा.

पुत्र नीरज सिंह गुड्डू ने बड़े सलीके से सहेजी पिता की विरासत

सन् 1988 से 1994 तक नगर पंचायत सहतवार के चेयरमैन निर्वाचित हुए. उसके बाद फिर सन् 2000 मे पुन: नगर पंचायत सहतवार के चेयरमैन चुने गए. चेयरमैन पद पर रहते हुए जनता की सेवा करते हुए 19 जनवरी 2002 को धरती से विदा हो गए और जनता की सेवा के लिए अपना भरा पूरा परिवार छोड़ गए. तभी से सहतवार की जनता की असीम स्नेह से उनकी पत्नी स्वर्णप्रभा सिंह आज भी चेयरमैन के पद पर आसीन हैं. उनके पुत्र नीरज सिंह “गुड्डू” अध्यक्ष प्रतिनिधि के रूप में नगर पंचायत की जनता का सेवा करते हैं.